ये पति कैसे कैसे का पिछला भाग-
कुछ पति होते हैं हर समय निंदियाये से रहते हैं, पत्नी क्या कह रही है सुनते ही नहीं । जब तीर कमान से निकल जाता है तो पछताते हैं कि बीबी की बात क्यों नहीं सुनी ? एक बीबी ने अखबार पढ़ते अपने पति से कहा, ‘आज इसमें आया है कि बिना दिमाग के व्यक्ति की उम्र लंबी होती है।’ हां ,बेध्यानी में पढ़ते पढ़ते हुजूर बोले’, हां ईश्वर तुम्हारी भी उम्र लंबी करेगा।’ ऐसे ही अखबार प्रेमी पति दफ्तर से आते ही सीधे अखबार में जुट गये। क्षुब्ध पत्नी झुंझलाकर बोली, ‘चलना नही है क्या?’ सुबह कहीं जाने की कह कर गये थे । पत्नी सज धज कर तैयार थी पर महोदय थे कि अखबार से आंख ही नहीं उठा रहे थे। पति महोदय हैरान बिना आंख उठाये ही बोले, ‘कहां ?’ एक तो जली फुंकी ऊपर से यह प्रतिक्रिया, गुस्से से बोली, ‘जहन्नुम में’,‘ चलो’,सहज भाव से अखबार समेटते बोल, ‘ पर रास्ता तो तुम्हें ही बताना पड़ेगा, क्योंकि तुम तो जाती रहती हो, मैं तो पहली बार जाऊँगा।’ ऐसे जल कुकड़े पति यही तमन्ना करते रहते हैं पर ऊपर से कह नहीं पाते, पर कभी कभी दिल की बात मुँह पर आ ही जाती है। एक पत्नी किसी पत्रिका के ‘मैं और मेरा परिवार’ के लिये बात कर रही थी। वह बोली, ‘मेरा घर स्वर्ग है।’ जब पति से पूछा तो वह बोला, ‘इस घर को मैंने और मेरी स्वर्गवासी पत्नी ने मिलकर बनाया है’। अब वह घर स्वर्ग ही रहा होगा या नर्क बना होगा यह तो उस पत्रिका वाले ही बता सकते हैं।
ऐसे पतियों का हाल दफ्तर में भी यही रहता है। एक बार एक दफ्तर में उनके दफ्तर के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर उत्सव मनाया जा रहा था, दफ्तर पहाड़ों पर था। केन्द्र निदेशक भाषण दे रहे थे हमें कर्तव्य और निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिए ताकि हम संस्थान को और ऊपर ले जा सकें । उबासी लेते महोदय बोले, बुदबुदाये, ‘पता नही और कितनी ऊँचाई पर ले जायेेगे, यहीं ठंड से कुड़कुडाये जा रहे हैं।’कुछ पति पत्नी की हर बात का कितना ध्यान रखते हैं,अगर पत्नी का अपहरण हो जाये तो उसे छोड़ने की धमकी मिलने पर तुरंत पैसे देने को तैयार हो जायेंगे ।
कुछ पति होते हैं कि पत्नी पर इतने डिपेन्ड होते हैं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं होता कि कहां क्या हो रहा है ? यहां तक कि एक पति महोदय बीमार हुए ,डाक्टर बुलाया गया । डाक्टर साहब से पूछा, भाई क्या बीमारी है’ ’? तो भाई मेरे बगलें झांकने लगे, ‘अरे भई बताओ तुम्हें क्या बीमारी है ? ’ थोड़े झिझकते बोले, ‘साहब शीला को बुलाता हूँ वहीं बतायेगी मेरी सब चीजें उसे ही मालूम रहती हैं।’
कुछ पति पत्नियों के सताये होते हैं उनकी हर बात मानते हैं पत्नी कहे मसाला पीस दो, चुपचाप पीस देते हैं, कुछ दांत भी साथ साथ पीसते जाते है। कुछ पति ऐसे होते हैं हर किस्म के खाने के स्वाद उन्हें मालूम होते हैं। अगर सब्जी में उन्हें मजा नहीं आयेगा तो कहेंगे,‘ क्या गोबर सी सब्जी बनाई है।’ और हैरान सी पत्नी देखती रह जाती है, कि हाय उनके पति क्या क्या खाते रहते हैं ? कुछ पति अपने आपको दुनिया का सबसे बड़ा शैफ मानते हैं हर चीज को खुद बनाने का प्रयास करेंगे, ‘अरे तुम से नहीं बनेगा मैं बनाता हूँ देखों कैसे सब उंगलियां चाटोगे ’ और होता यह है किसी प्रकार की लपसी सी तैयार होगी और उससे ज्यादा फैलावा रसोई में होगा, एक एक चीज मांगी जायेगी । पता चलेगा उस लपसी को स्वयं भी नहीं खा पायेंगे, कहेंगे, ‘खाकर देखो मजा आ जायेगा, हां मुझे देखो ब्र्रैड हो या रात की सब्जी पड़ी हो दे देना।’
अब उसे आप उसकी तारीफ में कसीदे पढ़ते निगलते ,उदरस्थ करते रहिये क्योंकि फिक्र भी तो आपको ही है कि न जाने कितने कितने मसालों का सत्यानाश हुआ है ,बेकार डस्टबिन के हवाले क्यों करें आपका पेट तो है ही डस्टबिन, किचिन समेटते रहिये। कुछ पति बस दूसरों की पत्नियों को ही ताकते जाते हैं, समझते यह कि उनकी पत्नी को नहीं मालूम। एक पति महोदय रोज शाम हुई पड़ोसन को देखने छत पर चढ़ जाते। चोरी चोरी निगाहों से उसे देखते रहते। एक दिन बहुत देर तक पड़ोसन नहीं आई । इंतजार करते रहे अंधेरा हो गया। बीबी ने आवाज लगाई कि क्या ऊपर ही रहेगें तो अनमने ढंग से बोले,‘ जरा चांद निकल आये तब आऊँगा।’ तो बीबी बोली, ‘चांद तो आज निकलेगा नहीं तो क्या छत पर ही बैठे रहोगे ,आज तुम्हारा चांद दूसरे शहर गया है। ’
अब उसे आप उसकी तारीफ में कसीदे पढ़ते निगलते ,उदरस्थ करते रहिये क्योंकि फिक्र भी तो आपको ही है कि न जाने कितने कितने मसालों का सत्यानाश हुआ है ,बेकार डस्टबिन के हवाले क्यों करें आपका पेट तो है ही डस्टबिन, किचिन समेटते रहिये। कुछ पति बस दूसरों की पत्नियों को ही ताकते जाते हैं, समझते यह कि उनकी पत्नी को नहीं मालूम। एक पति महोदय रोज शाम हुई पड़ोसन को देखने छत पर चढ़ जाते। चोरी चोरी निगाहों से उसे देखते रहते। एक दिन बहुत देर तक पड़ोसन नहीं आई । इंतजार करते रहे अंधेरा हो गया। बीबी ने आवाज लगाई कि क्या ऊपर ही रहेगें तो अनमने ढंग से बोले,‘ जरा चांद निकल आये तब आऊँगा।’ तो बीबी बोली, ‘चांद तो आज निकलेगा नहीं तो क्या छत पर ही बैठे रहोगे ,आज तुम्हारा चांद दूसरे शहर गया है। ’
कुछ पति ऐसे होते हैं जो घरवाली से साली को ज्यादा महत्व देते हैं । उसके चारो ओर चक्कर खाते रहेंगे। कहते रहेगें ‘साली आधी घरवाली’ और पत्नी की नई परिभाषा निकाल लेगें कहेगें पत्नी वह जो पति पर तनी रहे और साली को रस की प्याली कहेगे और जब पत्नी का जीजा उसे रस की प्याली कहेगा तो लफंगा चरित्रहीन कहकर पत्नी के रखवाले बन जायेंगे।
कुछ पति हमेषा पत्नियों को चरका ही देते रहते हैं। एक पत्नी ने पति से पूछा,‘कहाॅं हो ?’ पति बोला,‘पिछली होली हम ज्वैलरी की दुकान में गये थे न, जहाॅं हमने हार पसंद किया था ।’ पत्नी सुनकर प्रसन्न हो गई , उत्साह से बोली, ‘हाॅं हाॅं ’
पति ,‘उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे’। पत्नी ने खुषी से कहा,‘ हाॅं ,याद है । ’
पति ,‘उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे’। पत्नी ने खुषी से कहा,‘ हाॅं ,याद है । ’
पति ,‘ और मैने कहा था ,ये हार एक दिन लेकर तुम्हें दूॅंगा ।’ पत्नी बहुत ही खुष हुई,‘ हाॅं, हाॅं , अच्छी तरह याद है ।’ पति,‘तो बस उसी की बगलवाली दुकान पर बाल कटवा रहा हॅूं ।’ आप खुद ही समझ लें आपके पति महोदय किस प्रकार के हैं।
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