Monday 29 August 2016

पहलीबार जब आकाश को चूमा

उनके बीच में एक अजीब सी वस्तु रखी थी। वह थी एक लिनिन का विशाल टुकड़ा जिसे  गुब्बारे की शक्ल दी गई थी। करीब सौ फुट गोलाकार वस्तु को भीड़ हैरत से देख रही थी। लिनेन के नीचे कागज चिपकाया गया था और यह एक बड़ी अंगीठी के ऊपर ररख हुआ था। गुब्बारे के नीचे गोल घेरा कटा था जो लिफाफे की तरह बंद हो जाता था, ठीक उसी के नीचे अंगीठी थी। गीले ईंधन के कारण उसमें से गहरा घुआ उठ रहा था और गुब्बारे में भरता जा रहा  था। कर्मचारी ईंधन बराबर अंगीठी में झोंक रहे थे। जैसे जैसे अग्नि बढ़ती गई और धुआं ऊपर से साफ होता गया गुब्बारा एक दम चमक उठा बड़े बड़े अक्षरों में उसका नाम एयरो स्टेट और उसे बनाने वाले का नाम चमकने लगा।
       एकाएक भीड़ जोर से चिल्ला उठी। एयरोस्टेट हिला और उसने जमीन छोड़नी प्रारम्भ की और फिर हिलता हिलता वह ऊपर उठ चला। जैसे जैसे वह ऊँचा गया लोगों की सांस रुक गई। लोगों की आंखे बिंदु की तरह चमकते पृथ्वी से एक मील ऊपर उठे एयरोस्टेट को घूर रही थी। वह शानदार यात्रा करीब दस मिनट तक रही। फिर वह लिनन का गुब्बारा तेजी से करीब डेढ़ मील दूर गिर पड़ा धीरे धीरे भीड़ छट गई। प्रयोग समाप्त हो चुका था लेकिन पहली हवाई यात्रा प्रारम्भ हो चुकी थी। मनुष्य की आकाश पर विजय का एक दृश्य।
       जिन की बुद्धि और ज्ञान की वजह से यह गुब्बारा आकाश में उड़ा वे दो भाई थे जोसेफ मिचेल और जैकस एटनी मान्टगाल्फर, एक कागज के व्यापारी के पुत्र। जोसेफ का जन्म 1740 में हुआ और एटनी का 1745 में।

No comments:

Post a Comment

आपका कमेंट मुझे और लिखने के लिए प्रेरित करता है

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...