एक पति महोदय अपने आपको )तिक रोशन से कम नहीं समझते थे । सुंदर सी साली एक बारात में साथ साथ चल रही थी उस पर और लड़कों पर रौब गालिब करने के लिये जैसे ही कमर के दो चार झटके लगाये कि बारात में भी फिर आगे कार में गये ओर तीन दिन तक कमर की सिकाई करते रहे ।
कुछ पति उमर मात कर दें । जवान बनने के सारे नुस्खे घोंट डालते हैं डाक्टर दरबढ़ जायेगी पर अपने आपको छैला ही समझते रहते हैे ं। शीशे के आगे जुल्फें संबारते ही रहेंगें यहां तक कि एक दिन गंजे हो जाते हैं चाहे एक बाल रह जाये पर उसे भी कंधे से काढ़ते हुये खिड़की से बाहर झाकेंगे जरूर कि कोई हसीना उन्हें देख रही है या नहीं । खुदा न करे यदि गलती से किसी हसीना की निगाह उनकी उल्टी सीधी हरकतों पर पड़ जाये तो तुंरत पत्नी से कहेंगें ,‘मुझ पर आज भी लड़कियां मारती हैं चाहे वो देखने वाली उनसे दोगुनी उम्र की हो । केशव केसन असकरी का तो मामला अब रहा नहीं ऐसे ऐसे गाने गायेंगें अभी तो मैं जवान हूं अभी तो मेैं जवान हूं । अभी तो मैं जवान हूंॅ गाते पति से एक पत्नी बोली ‘मुआ, टीवी खोलो तो अब तो माटी मिटे लिपटते चिपटते ही दिखें हैं, केश काला तेल के विज्ञापन, असली कालेपन को भी डाक्टर के चक्कर लगाते रहेगें, हमारे जमाने में तो एक चुंबन के लिये कितने कितने लुका छिपी के खेल खेलते थे । अब तो सरे आम मागेंगें जुम्मा चुम्मा देदे मुझे खूब याद है एक बार ही दिया था तुमने गर्म गर्म चुंबन।’प्ति महोदय, बोले ‘अरे वाह! अब तो कोई बात ही नहीं अकेले हैं अभी देता हूं गर्म गर्म चुंबन पर जरा ठहरो दांत लगा आता हॅंू ’हुआ न रोमांस का भुरता ।
कुछ पति होते हैं हर समय निंदियाये से रहते हैं, पत्नी क्या कह रही है सुनते ही नहीं जब तीर कमान से निकल जाता है तो पछताते हैं कि बीबी की बात क्यों नहीं सुनी । एक बीबी ने अखबार पढ़ते अपने पति से कहा,‘आज इसमें आया है कि बिना दिमाग के व्यक्ति की उम्र लंबी होती है । ‘हां’ बेध्यानी में पढ़ते पढ़ते हुजूर बोले ‘हां ईश्वर तुम्हारी भी उम्र लंबी करेगा’। ऐसे ही अखबार प्रेमी पति दफ्तर से आते ही सीधे अखबार में जुट गये। क्षुब्द पत्नी झुंझलाकर बोली,‘ चलना नहीं है क्या ? सुबह कहीं जाने की कह कर गये थे पत्नी सज धज कर तैयार थी पर महोदय थे कि अखबार से आंख ही नहीं उठा रहे थे। पति महोदय हैरान से बिना आंख उठाये ही बोले,‘ कहां ’? एक तो जली फंुकी ऊपर से यह प्रतिक्रिया गुस्से से बोली,‘जहन्नुम में’ चलो सहज भाव से अखबार समेटते बोले,‘ पर रास्ता तो तुम्हें ही बताना पड़ेगा,क्योंकि तुम तो जाती रहती हो ,मैं तो पहली बार जाउंगा ’। ऐसे जल कुकड़े पति यही तमन्ना करते रहते हैं पर ऊपर से कह नहीं पाते ,पर कभी कभी दिल की बात मुॅंह पर आ ही जाती है। एक पत्नी किसी पत्रिका के ‘मैं और मेरा परिवार ’ के लिये बात कर रही थी। वह
बोली,‘मेरा घर स्वर्ग है ।’ जब पति से पूछा तो वह बोला ,‘ इस घर को मैंने और मेरी स्वर्गवासी पत्नी ने मिलकर बनाया है ’ अब वह घर स्वर्ग ही रहा होगा या नर्क बना होगा यह तो उस पत्रिका वाले ही बता सकते हैं। ऐसे पतियों का हाल दफ्तर में भी यही रहता है। एक बार एक दफ्तर में उनके दफ्तर के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर उत्सव मनाया जा रहा था ,दफ्तर पहाड़ों पर था। केन्द्र निदेशक भाषण दे रहे थे हमें कर्तव्य और निष्ठा के साथ कार्य करना चाहिये ताकि हम संस्थान को और ऊपर ले जा सकें उबासी लेते महोदय बोले बुदबुदाये ,‘पता नहीं और कितनी ऊॅंचाई पर ले जायेगें , यहीं ठंड से कुड़कुड़ाये जा रहे हैं। ’
कुछ पति होते हैं कि पत्नी पर इतने डिपेन्ड होते हैं कि उन्हें कुछ पता ही नहीं होता कि कहां क्या हो रहा है। यहां तक कि एक पति महोदय बीमार हुए डाक्टर बुलाया गया डाक्टर साहब ने पूछा ,‘भाई क्या बीमारी है’ तो भाई मेरे बगलें झॉंकने लगे,‘अरे भई बताओ तुम्हें क्या बीमारी है।’ थोड़े झिझकते बोले ,‘साहब शीला को बुलाता हूं वही बतायेगी मेरी सब चीजें उसे ही मालूम रहती हैं।’
कुछ पति पत्नियों के सताये होते हैं उनकी हर बात मानते हैं पत्नी कहे मसाला पीस दो , चुपचाप पीस देते हैं , कुछ दांत भी साथसाथ पीसते जाते हैं। कुछ पति ऐसे होते हैं हर किस्म के खाने के स्वाद उन्हें मालूम होते हैं। अगर सब्जी में उन्हें मजा नहींआयेगा तो कहेंगे क्या गोबर सी सब्जी बनाई है। और हैरान सी पत्नी देखती रह जाती है कि हाय उनके पति क्या क्या खाते रहते हैं ? कुछ पति अपने आपको दुनिया का सबसे बड़ा शैफ मानते हैं हर चीज को खुद बनाने का प्रयास करेंगे ,‘ अरे तुम से नहीं बनेगा मैं बनाता हॅूं देखो कैसे सब उंगलियॉं चाटोगे ’ और होता यह है किसी प्रकार की लपसी सी तैयार होगी और उससे ज्यादा फैलावा रसोई में होगा , एक एक चीज मांगी जायेगी पता चलेगा उस लपसी को स्वयं भी नहीं खा पायेंगे कहेंगे,‘ खाकर देखो मजा आ जायेगा, हॉं मुझे देखो ब्रैड हो या रात की सब्जी पड़ी हो देदेना।’ अब उसे आप उसकी तारीफ में कसीदे पढ़ते निगलते उदरस्थ करते रहिये क्योंकि फिक्र भी तो आपको ही है कि न जाने क्या क्या मसालों का सत्यानाश हुआ है बेकार डस्टबिन के हवाले क्यों करें आपका पेट तो है ही डस्टबिन,किचिन समेटते रहिये।
कुछ पति बस दूसरों की पत्नियो को ही ताकते जाते हैं , समझते यह कि उनकी पत्नी को नहीं मालूम। एक पति महोदय रोज शाम हुई्र पड़ोसन को देखने छत पर चढ़ जाते। चोरी चोरी निगाहों से उसे देखते रहते। एक दिन बहुत देर तक पड़ोसन नहीं आई इंतजार करते रहे अंधेरा हो गया। बीबी ने आावाज लगाई कि क्या ऊपर ही रहेगें तो अनमने ढंग से बोले,‘ जरा चांद निकल आये तब आउंगा।’ तो बीबी बोली,‘ चांद तो आज निकलेगा नही ंतो क्या छत पर ही बैठे ही रहेागे आज तुम्हारा चांद दूसरे शहर गया है ।’
कुछ पति ऐसे होते हैं जो घरवाली से साली को ज्यादा महत्व देते हैं उसके चारो ओर चक्कर खाते रहेंगे कहते रहेगें साली आधी घरवाली और पत्नी की नई परिभाषा निकाल लेगें कहेगें पत्नी वह जो पति पर तनी रहे और साली को रस की प्याली कहेगें और जब पत्नी का जीजा उसे रस की प्याली कहेगें तो लफंगा चऱित्रहीन कहकर पत्नी के रखवाले बन जायेगें। आप खुद ही समझ लें आपके पति महोदय किस प्रकार के हैं।