लालजी को हिरन के शिकार का बहुत शौक था। जब वे पांचवी बार हिरण के लिए शिकारगाह के रेस्टहाउस पहुंचे और उन्होंने अपना सूटकेस खोल तो सबसे ऊपर किसी पत्रिका से काटे गए हिरन का चित्र पाया चित्र के साथ श्रीमती जी द्वारा लिखी गई दो पंक्तियां थी ठीक से पहचान लो हिरन इस तरह का होता है।
No comments:
Post a Comment
आपका कमेंट मुझे और लिखने के लिए प्रेरित करता है