Monday, 29 June 2020

अदभुत दुनिया

विचित्र वसीयतें

    जून 1988 में बेनारिया नामक पुरानी वस्तुओं के करोड़पति व्यापारी को दफनाने के बाद  उत्सुक रिश्तेदारों ने जब उसकी वसीयत पढ़ी तो यह जानकर सन्न रह गये उसने अपनी सभी जायदाद अपने द्वारा पाली 15 बिल्लियों के नाम छोड़ी थी। जबकि स्वयं उसने फटेहाल रह कर अपनी जिन्दगी गुजारी थी।
केलीफोर्निया के करोड़पति सैमुअल ग्रेनाहट फरवरी 1989 माह में स्वर्गवासी हो गये, वह विधुर थे पर जब उनका वसीयतनामा खोला गया तो उसमें उन्होनें अपनी अर्धांगनी के नाम पचास हजार डालर वसीयत कर दिये। यह धन फिक्सड डिपोजिट में रहेगा और उसके ब्याज से उनकी अर्धागनी का समुचित लालन पालन तथा उसकी संतान का भी लालन पालन होता रहेगा। उन्होंने अपनी प्रिय कुतिया मोनी को अपनी अर्धांगनी बताया है। सफेद रंग की ऊँचे कद वाली  कुतिया सेमुअल के पास चार साल से थी उन्होनें वसीयत मे स्पष्ट लिखा है कि उनका व्यवहार उसके साथ पत्नीवत था।
मिस्र में कुछ इंसानों ने मिलकर कुछ जानवरों के विरूद्व मुकदमा चलाया वहाँ का एक करोड़पति जब स्वर्गवासी होने लगा तो उसने अपनी सारी दौलत कुत्ते बिल्लियों और खच्चरों के नाम कर दी उसमें अपनी वसीयत में लिखा था कि ये जानवर इन्सानों से कही ज्यादा वफादार और प्यार करने वाले होते हैं। अतः मेरी मृत्यु के बाद सारी दौलत कुत्ते बिल्लियों और खच्चरों को दे दी जाये। इस प्रकार जानवर करोड़पति बन बैठै और मरने वालों के भाई बहन तथा अन्य रिश्तेदार कुछ भी न पा सके तो खिसिया कर उन सबने मिलकर अदालत का दरवाजा खटखटाया और अपील में कहा कि स्वर्गवासी के जब इतने सारे रिश्तेदार भाई भतीजे मौजूद हों तो कुत्ते बिल्लियों को क्या हक पहुँचता है। अदालत ने उन इन्सानों के पक्ष में फैंसला सुनाया।

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