जब रोम जल रहा था नीरो बांसुरी बजा रहा था
रोम की यह कहावत पूरे विष्व में बड़े पैमाने पर कही सुनी जाती है कि नीरो अपने लिये एक अद्वितीय स्मारक बनवाना चाहता था और इसलिये उसने ष्षहर में आग लगवा दी लेकिन इतिहास में कहीं भी इस घटना की पुष्टि नहीं हुई है । कहा जाता है कि जब रोम जल रहा था नीरो अपनी छत पर खड़ा एक वाइलन बजा रहा था लेकिन वाइलन का आविष्कार 16वीं ष्षताब्दी तक हुआ ही नहीं था कुछ कहते हैं वह वंषी बजा रहा था।इतिहासकार टैसीसस ने आग के कुछ साल बाद जो तथ्य दिये हैं उनमें लिखा है कि जिस समय रोम में अग्नि फैलनी आरम्भ हुई नीरो रोम से 50 मील दूर अपने महल एन्टियम में था अग्निकांड के विषय में ज्ञात होते ह ीवह घटनास्थल की ओर रवाना हो गया था और आग बुझवाने के पूरे प्रयास किये थे । नीरो प्रारम्भ से ही विवादास्पद चरित्र रहा था । उसे जनता सदा धृणा की ही दृष्टि से देखती रही और और उसके लिये दुष्प्रचार करती रही ।
No comments:
Post a Comment
आपका कमेंट मुझे और लिखने के लिए प्रेरित करता है