अभियान:पिछला भाग
सात साल बाद भइया राखी वाले दिन शहर में आ रहे हैं...कमलेश ने अखबार एक तरफ रखा और मान्यवर सत्यनाथ बाबू को फोन लगाया। उनका प्राइवेट फोन कई बार के बाद उठा भैया कल आ रहे है मैं इंतजार करूंगी।
सात साल बाद भइया राखी वाले दिन शहर में आ रहे हैं...कमलेश ने अखबार एक तरफ रखा और मान्यवर सत्यनाथ बाबू को फोन लगाया। उनका प्राइवेट फोन कई बार के बाद उठा भैया कल आ रहे है मैं इंतजार करूंगी।
हाँ हाँ बिलकुल आऊँगा ठीक है अच्छा इतनी बात हो गई कमलेश बेहद खुश। मुहल्ले में उस दिन घर घर में जाकर कमलेश ने कहा कल भइया आ रहे है।
जब से नेता हुए हैं भइया का उतना ही नहीं हुआ। अब तो मुख्यमंत्री जी हो गये हैं बिलकुल बात भी नहीं हो पाती फोन के साथ ही दस बार दूसरे फोन की घंटी बज जाती है या व्यस्त होते है।
कमलेश ने सुबह ही सारे मुहल्ले की सफाई कराई। तरह तरह की मिठाई मंगाई गई गिफ्टशाप से जाकर सजा थाल लाई। उसके पति प्रकाश बाबू बार बार क्रोधित हो उठते क्यों फूक रही हो पैसा ऐसा क्या दे जायेगा भाई। दस बार जा चुका हूँ
लेकिन अभी तक मेरी फाइल पर दस्तखत नहीं हुए...क्लीयर का चाहिये पोस्ट मैनेजर की हो जायेगी सो सो चीफ एकांउटेंट ने आब्जेक्शन लगा रखा है तो उसके मारे रुकी है पर फिर फायदा क्या तेरे भाई का... कंगाल कर देगी।
सो तुम्हारा रौब नहीं बढ़ेगा मुहल्ले में देखा नहीं सब आज सब कैसे जलकुड़े है कमलेश के पैर जमी पर नही सारा घर ठीक कर चैकी बिछाई पूरे कमरे में चादर गद्दे लगवाये भाई अकेले तो आयेगे नही पूरी फौज होगी सब को ही टीका राखी बांधूगीं...
भाई के सहयोगी उसके भाई वह मुस्करा उठी... कई कई प्लेटे सजाई स्वयं तैयार हुई मुख्यमंत्री शहर में आ गये है... जहाँ पुल का उद्घाटन है..वहाँ से ही लाना चाहिये... एस पी साहब केा फोन लगाऊँ... नही यहाँ के... एम एल ए को लगाऊँ सरकिट हाउस मे पूंछूँ कितने बजे तक आयेंगे... सरकिट हाउस से कम से कम उसके पास खबर तो आनी चाहिए।
बार बार दरवाजे पर जाती कमलेश जरा भी हूटर की आवाज सुनती थाल का दीपक जला देती... कभी एंबुलेंस कभी किसी अधिकारी की गाड़ी निकल जाती हूटर का काफिला उसके मुहल्ले में नहीं मुड़ा
मुख्यमंत्री का हैलीकाप्टर उड़ गया। कमलेश... के घर के पास से भीड़ भी छंट गई धीरे धीरे सब सूना होगया दरवाजा बंद हो गया।
सुबह अखबार में मुख्यमंत्री के दलित प्रेम से अखबार भरे थे मुख्यमंत्री ने दलित स्त्री से उसके घर जाकर राखी बंधवाकर रक्षाबंधन मनाया।
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