आपने घूमने जाने का कार्यक्रम बनाया है आप जाना चाहते है गर्मी में पहाड़ों पर । मुफ्त के सलाहकार आपको गर्मियों में दक्षिण में और संर्दियों मे कश्मीर भेज कर ही दम लेंगे। अगर विपरीत चले गये तो आप लकीर के फकीर होंगे, असली घुमकक्कड़ नहीं, आम आदमी होंगे जिन्हें असली आनन्द की समझ नहीं।
टी॰वी॰ आप कभी तय नहीं कर पायेंगे कि कौन सी कंपनी का लें। क्योंकि हर दूसरे टी॰वी॰ के प्रशंसक और आलोचक तैयार मिल जायेंगे। और इस अनिश्चय की स्थिति में आप की टी॰वी॰ ही नहीं फ्रिज, कूलर आदि सभी दैनन्दनी चीजों के लिये रहेगी। यहांँ तक कि जुकाम होने पर आप निश्चय ही आप दवा टायफाइड की खायेंगे और मरेंगे जुकाम से। खुदा न ख्वास्ता जुकाम ठीक हो गया तो आप यह निश्चय नहीं कर पायेंगे
कि आप अदरक से ठीक हुए कि गंडे तावीज से, या गन्ने के रस से ,क्योंकि जुकाम की पन्द्रह दिन की अवधि में सौ से अधिक नुस्खे आप अपने मुफ्त के सलाहकारों की कृपा से आजमा चुके होंगे। मुश्किल यह है सलाह गलत है या सही ,बिना आजमाये पता नहीं चलता इसलिये आजमाये जाइये, आजमाये जाइये ,बची सलाहें अपने ऊपर।
पूरी न आजमा सकें तो आप भी सलाह देना शुरु कर दीजिये, गांठ से क्या जायेगा।
एक से एक तर्कपूर्ण बुद्धिमत्ता पूर्ण सलाहें हमारे देश के कर्णधार ,खिवैया देते रहते हैं। कभी कभी अद्भुत सलाह हमारे सामने आती है कि हम नत मस्तक होने के लिये हम मजबूर हो जाते हैं। जब सर्वोच्च पद पर बैठे सलाह देते है
प्याज महंगी है तो मत खाओ। तो एक अद्भुत सलाह आ जाती है कि कीड़े मकोड़े खाओ वास्तव में अद्भुत सलाह है।
बहुत कीड़े हैं हमारे घरों में और अपने अपने क्षेत्र मैं। अगर गटर खोलोगे तो एक बार मैं आधा किलो कोंकरौच मिल जायेगें छिपकलियाँ मिल जायंगी, मच्छर पकड़ने के जाल सारे शहर मैं बिछा दिए जायेंगे कितना अच्छा है सफाई भी हो जायेगी सुबह ही सुबह कूड़े के ढेर पर बैठे कीड़े बीनते सब नजर आयेंगे।
एक खोज है, जितना वजन धरती पर आदमियों का है उतना ही वजन चींटियों का है। चलो धरती का बोझ आधा रह जायेगा । क्या बात है अच्छी सलाह है सफाई कर्चचारियों के पैसे बचेंगे। दो रुपये किलो चावल भी नहीं देने पड़ेंगे। वैसे सारा भारत केवल दिल्ली मैं बसता है। उन्हे सुविधाऐं दे दो हो गया काम।
सस्ती प्याज पचास रुपये किलो (यह सस्ती की परिभाषा है दिल्ली मैं बिकेगी अब सारा हिन्दुस्तान दिल्ली जाकर तो खरीदेगा नहीं अब सलाह आई है मोइली साहब की की रात मैं पेट्रोल पंप बंद कर दो। क्या बचत है लम्बे रस्ते से आने वाले जगह जगह कार बस सड़क पर रोकेंगे ,ट्रक तो चलते ही रात मैं हैं ,चोर डकैतों का फायदा वैसे भी हिन्दुस्तानियों पर समय ही समय किलों के भाव में सलाह लेलो ।जेट युग मे बैलगाड़ी पर चलें तो पेट्रोल डीजल बिलकुल बच जायेगा।
क्या बात है मोइली साहब दिल्ली से मुंबई उदघाटन करने जायेंगे एक महीने में तो शायद पहुँच ही जायेंगे नहीं कुछ ज्यादा समय लगेगा वैसे देष तो भगवान भरोसे चल रहा है। चलता रहेगा।
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