Sunday, 12 May 2024

mausmi kahavten

 मौसमी कहावतें


मौसम के विषय में बहुत सी अटकलें पशु पक्षियों आदि की क्रियाओं को देखकर लगाई जाती हैं। ये कहावतें अर्से से भारत ही में नहीं देश विदेश में भी कही जाती है जिनमें कुछ सच्चाई भी है।

वर्षा के विषय में कहा जाता है। कि वर्षा से पहले चंद्रमा के चारों ओर घेरा बन जाता है। बहुत से लोग इसे देखकर मौसम का अनुमान लगाते है।

कहा जाता है जितने बादल ऊँचे होंगे मौसम साफ रहेगा। यह बात सही है, ऊँचे बादल खुश्क मौसम के परिचायक हैं। वातावरण में उच्च तापमान भी रहता है। साफ मौसम के लिये इन्ही दोनों वस्तुओं की आवश्यकता होती है।

झींगुर गर्मियों में तेजी से झंकारता है सर्दियों में धीमे। यह प्रयोग आप स्वयं भी करके देख सकते हैं। चौदह सेकंड तक झींगुर की झंकार सुने और उनमें चालीस की संख्या आप अपनी ओर से जोड़ दे मौसम का तापमान आपको ज्ञात हो जायेगा।

भेडं़े अगर एक जगह एकत्रित हो रही हैं तो समझ लो तूफान आने वाला है यही बात भैसों के लिये भी कही जाती है।

जब गिलहरी अखरोट अधिक इकट्ठे करे समझ लो जाड़ा अधिक पड़ेगा।

वर्षा आनेवाली हो तो मछली अधिक पकड़ में आती है। यह बात सत्य है। बरसात आने से पहले मछली सतह पर उतर आती है और चारे की ओर अधिक लपकती है।

मक्के पर अगर भूसे की पर्त अधिक चढ़े तो समझ लो सर्दी अधिक पड़ेगी। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह कहावत सत्य है। जब गर्मी में तापमान नम और गर्म हो उसमें मक्के पर भूसे की पर्ते अधिक चढ़ती हैं। ऐसे तापमान के  बाद भी अधिक सर्दियों पड़ती है।


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