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माखन की चोरी छोड़ कन्हैया मैं समझाऊॅं तोय
नौलख धेनु नन्द बाबा के नित नयो माखन होय
बड़ो नाम है तेरे बाबा को हँसी हमारी होय
बरसाने तेरी भई सगाई नित नई चरचा होय
बड़े घरन की राजदुलारी नाम धरेंगी तोय
मोसे कहे गऊन के पाछे रहो खिरक में सोय
काऊ ग्वालिन से जाय बतरायो तेने दई कदरिया खोय
यह चोरी नही छोड़ूं मइया होनी होय सो होय
सूर श्याम ग्वालिन के आगे दिये नैन भर रोय
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