आज वह सफल है ,
जिसने सर्वाधिक घोटाले किये हैं और हेराफेरी कर अरबों रुपये जमा किये हैं । घोटाले करने के साथ उनके सीने चौड़े ही हैं और उन पर किसी प्रकार की आंच नहीं आई है । वे सफलतम व्यक्ति हैं। पहले धन कमाने के लिये व्यापारिक बुद्धि दूरदर्शिता चाहिए थी ।
पुराने औद्योगिक घराने व्यापारिक बुद्धि की वजह से देश के सर्वाधिक धनी मानी व्यक्ति हुए मानी से तात्पर्य माननीय है क्योकि धन कपट से नहीं कमाया होता था ,वे असली धनी होते थे तो सबका आदर भी प्राप्त करते थे ।
अब सफल वही है जो सबसे अधिक छल कपट से धन एकत्रित कर सकता है । पर वे माननीय नहीं होते अब धन sarvopari हो गया है ,तो हम पुराने कुछ नेताओं को या शहीदों को माननीय नहीं मानेगे ।
क्योंकि उन्होंने धन नहीे जमा किया देश केा बेचा नहीं उनके घर वाले बड़े बड़े पदों पर न होकर साधारण जिन्दगी जी रहे है। उनके बैंको में कागज की गड्डिया नहीं है।
उनका परिवार कहां है ? कैसा है ?
किसी को नहीं मालुम ,हां पैसे वाला तरणताल में कितनी लड़कियों के साथ है क्येंकि वे माननीय हैं इसलिये सब जायज है । यह सबको मालूम है उनको छींक भी आती है तो सारे देश में उसकी आवाज गूँज उठती है सफल वो जिनके कुर्सी पर बैठते ही कुर्सी सोने की हो जाती है और घर महल
देश हमारा हमको प्यारा खालो खालो खालोबीस बीस पैसे करके तुम रुपया एक बचालो
हम महलों की बात करें, तुम कुटिया एक छवालो ,देश हमारा हमको प्यारा, खालो खालो खालो।
सौ रुपये जब हो जाएं तो हमको दे दो दान,अनशन और उपवास करो यह करता है कल्याण।
देश हमारा हमको प्यारा,खालो ,खालो, खालो।लेकर के खड़ताल हाथ में गालो गालो गालो,
घोटालों की बात न पूछो, खालो खालो खाला,देश हमारा हमको प्यारा खालो, खालो, खालो।
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