आप मोटी है तो इसे पढि़ये
आपका नौकर कभी जली, कच्ची दाल ,कभी कच्ची पक्की रोटी सेक कर देगा। कभी सब्जी की शक्ल ही ऐसी होगी कि देखकर उल्टी करने की तबियत करे तब यह स्वाभाविक है कि आप सूंघ कर ही पेट भरें। यह मोटापे से बचने का सफल उपाय होगा।
आपका आये दिन नुकसान होगा कभी विदेशी टी सैट टूटेगा, काॅच के गिलास तो बचेंगें ही नहीं। कभी दूध उबल कर नाली में बह जायेगा इससे आप झीकेगी चिल्लायेंगी अतिरिक्त कैलोरी खर्च हो जायेगी।
भूल कर भी आप तला भुना नहीं खायेंगी। क्योंकि आप खायेंगी एक परांठा वह भी इस हिदायत के साथ कि दो बूंद तेल लगाना और नौकर फिर कैसे पीछे रह जायेगा । वह भी इंसान है वह अपने दस परांठे बनायेगा।
ऊपर से नौकर का खर्चा आपका बजट डगमगा देगा तो वैसे भी पकवान आपकी लिस्ट में से कम हो जायेंगे। मेहमानों के लिए मंगाकर रखा नमकीन मीठा कभी नहीं मिलेगा तो आप मेहमानों को बुंलाने से परहेज करने लगेंगी और मेहमान के साथ खुद भकोसने की आदत से भी बचेंगी।
नौकर दूध पर से मलाई तो नहीं चाट रहा है, अपनी रोटी के अंदर घी तो नहीं लगा रहा है। हर कमरे में पोंछा लगाया कि नहीं यह जासूसी करना। एक ही काम के लिये बार बार उससे कहना और न करने पर सातवें आसमान पर सिर उठा लेना आपकी चरबी घटायेगा।
अंत में अगर किसी दिन नौकर मालमत्ता लेकर भाग गया तो यह अक्सीर दवा का काम करेगा क्योंकि सालों तक उसके शोक मे आप मुस्कराना भूल जायेगी और आपने देखा होगा जो कुढ़ते रहते हैं
वे हमेशा दुबले पतले होते हैं और दिनभर ठी ठी हंसने वाले मोटे। मैंने गलत उपाय तो नहीं बताये हैं न। कुछ उपाय तो आपके काम आ ही जायें।
आपका नौकर कभी जली, कच्ची दाल ,कभी कच्ची पक्की रोटी सेक कर देगा। कभी सब्जी की शक्ल ही ऐसी होगी कि देखकर उल्टी करने की तबियत करे तब यह स्वाभाविक है कि आप सूंघ कर ही पेट भरें। यह मोटापे से बचने का सफल उपाय होगा।
आपका आये दिन नुकसान होगा कभी विदेशी टी सैट टूटेगा, काॅच के गिलास तो बचेंगें ही नहीं। कभी दूध उबल कर नाली में बह जायेगा इससे आप झीकेगी चिल्लायेंगी अतिरिक्त कैलोरी खर्च हो जायेगी।
भूल कर भी आप तला भुना नहीं खायेंगी। क्योंकि आप खायेंगी एक परांठा वह भी इस हिदायत के साथ कि दो बूंद तेल लगाना और नौकर फिर कैसे पीछे रह जायेगा । वह भी इंसान है वह अपने दस परांठे बनायेगा।
यह तो अपनी अपनी भूख की बात है। तब आप घी तो मंगाना भूल ही जायेगी तो मोटापा अपने आप कम होगा क्योंकि अपने एक मराठे पर दस पराठों का आप बलिदान देना नही चाहेगी और आप रूखी रोटी ही बनवायेंगी।
ऊपर से नौकर का खर्चा आपका बजट डगमगा देगा तो वैसे भी पकवान आपकी लिस्ट में से कम हो जायेंगे। मेहमानों के लिए मंगाकर रखा नमकीन मीठा कभी नहीं मिलेगा तो आप मेहमानों को बुंलाने से परहेज करने लगेंगी और मेहमान के साथ खुद भकोसने की आदत से भी बचेंगी।
नौकर दूध पर से मलाई तो नहीं चाट रहा है, अपनी रोटी के अंदर घी तो नहीं लगा रहा है। हर कमरे में पोंछा लगाया कि नहीं यह जासूसी करना। एक ही काम के लिये बार बार उससे कहना और न करने पर सातवें आसमान पर सिर उठा लेना आपकी चरबी घटायेगा।
अंत में अगर किसी दिन नौकर मालमत्ता लेकर भाग गया तो यह अक्सीर दवा का काम करेगा क्योंकि सालों तक उसके शोक मे आप मुस्कराना भूल जायेगी और आपने देखा होगा जो कुढ़ते रहते हैं
वे हमेशा दुबले पतले होते हैं और दिनभर ठी ठी हंसने वाले मोटे। मैंने गलत उपाय तो नहीं बताये हैं न। कुछ उपाय तो आपके काम आ ही जायें।
समाज में यही हो रहा है
ReplyDeleteशुरू से ही छोटा बड़े से दबता आ रहा है
इसमें हम और आप कुछ नहीं कर सकते हैं