Friday 18 December 2015

राम का नाम

चुनाव आ गये ,राम नाम का जिन्न फिर बाहर आ गया ।
तरस आता है एक दिन ऐसा था बैचारे राम जी अच्छे खासे छत के नीचे थे । ऐसा झगड़ा पड़ा उनकी छत भी गई। करे भी क्या छत देने वाले बार बार परदे के कोने पकड़ कर खड़े हो जाते हैं ,‘कोई कहता है मैं जो कह रहा हूँ वही सच ,मैं सबसे ताकतवर ।’दूसरा ताली बजाता है, राम को एक तरफ रखो ,मुझसे भिड़ो मैं ताकतवर और उन्हें जनता एक तरफ रख देती है ।


पहले तय कर लो , इससे तो लाला को ही बुलालो ,लड़ेंगे तो नही । तो फिर सब मिल कर राम जी को बुलाने लगते हैं । एक बार सबसे ताकतवर कौन ?
यह सवाल उठा ,समुन्दर ने कहा,‘मुझसे ताकतवर कौन है? जहां चाहे फैल जाऊँ ,सुनामी मचादूं।’

इस पर पहाड़ ने कहा, ‘नहीं मुझसे ज्यादा ताकतवर कौन है ?  समुन्दर लाख सिर टकरा ले उसे वापस जाना पड़ता है । समुन्दर को कहो तो लाशों से पाट दूं ,देखा नहीं अभी उत्तराखंड मैं जरा सा कुल्ला ही किया था। इस पर हवा ने कहा, शट अप मुझसे ज्यादा पावरफुल कैसे ? सुनामी तूफान मेरी वजह से असर छोड़ते हैं ।


इस पर पवनपुत्र हनुमान ने कहा,‘ आज के दौर में हर बाप अपने बेटे से खौफ खाता है , सो आप से ज्यादा पावरफुल मै ’।
इस पर सबने कहा, ‘हे हनुमान तुम सबसे ज्यादा पावरफुल कैसे हो सकते हो ? तुम तो खुद राम के सेवक हो ,सबसे ज्यादा पावरफुल तो राम हुए न,’ हनुामन जी ने मुस्कराते हुए कहा ,‘चलो , राम जी से पूछ लेते हैं, ।’ रामजी ने बताया, ब्रह्माण्ड में सबसे ज्यादा पावरफुल आप मुझे मानते हैं न मुझसे ज्यादा पावरफुल नेता है।’ सबने पूछा ,‘वो कैसे ?’

‘अरे, उनकी ही पाॅवर है। जब चाहे उनकी मर्जी होती है तो आपने एजेंडे में शामिल कर लेते हैं जब मर्जी होती है एजेंडे से बार कर देते हैं ।’
राम नाम लड्डू अयोध्या नाम घीमंदिर नाम मिश्री तो घोर घोर पी।

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