बोर्ड की अपनी दुनिया है निकलो पढ़ते जाओ अब चलो मैं जो पढ़ा जाये जो समझ में आय ओ नाम में तो जरा से हेरफेर से क्या बन जाता है राधा रमन अधिकतर "र" का आधा हिस्सा बच्चे मिटा ही देते है
एक जगह लिखा था कागज चिकटावो नवा अब हम समझे नया कागज लगाओ नये कागज को चीकट कर दो हम ने सडक से पोंछकर कई कागज लगा दिये पता नहीं क्यों कागज लगवाने की कह रहा है शायद मकान को नजर न लग जाये बड़ी साफ सुथरी दीवार है।
अब कोठी पर लिखा रहता है सावधान यहाँ कुत्ते हैं हांँ ठीक है सब बूढ़े ही रहते होंगे एक समय आता है कुत्ते समान ही हो जाता है टिपिर टिपिर सामने बैठा चैकीदार करता रहता है और जो सामने डालो खा लेता है तो यही तो लिखा जायेगा।
आगे बढ़ी तो लिखा था केश काउंटर वाह! गजब क्या बिढ़या नाई की दुकान है बच्चों के केश कटवा लिये जाये पर अंदर तो वह ए टी एम निकला केश को कैश करने के लिये बैंक बैलेंस तो बनाना ही पड़ेगा
शाहिद चिकिन शाॅप यहा ताजा चूजे मिलते हैं उसके ऊपर क्यों भाजपा ने अपने आकाओ का फोटो सहित बोर्ड लगाया कुछ समझ नहीं आया।
बोर्ड तो बोर्ड पढ़ने वाले की अपनी समझ है अब नासमझ पढ़े जो लिखने वाला क्या करेगा।
एक जगह लिखा था कागज चिकटावो नवा अब हम समझे नया कागज लगाओ नये कागज को चीकट कर दो हम ने सडक से पोंछकर कई कागज लगा दिये पता नहीं क्यों कागज लगवाने की कह रहा है शायद मकान को नजर न लग जाये बड़ी साफ सुथरी दीवार है।
बोर्ड पढ़ते जाय और परेशान की अभिताभ बच्चन ने साड़ी भी बेचना शुरू कर दिया है और फिर साड़ी का सीमेंट से क्या वास्ता बड़ा कड़क मांड लगाती होगी ये बिनानी कम्पनी एस ए डी आई वाइ ओ एन बिलकुल ठीक साडि़यों के लिये बिनानी सीमेंट पर हाथ मे अभिताभ बच्चन साड़ी नहीं मकान का माॅडल लिये अब हम महान वाले होते तो सदियो पढ़ते साड़ी पहने रहते है तो साडि़यों ही पढ़ेंगे
अब कोठी पर लिखा रहता है सावधान यहाँ कुत्ते हैं हांँ ठीक है सब बूढ़े ही रहते होंगे एक समय आता है कुत्ते समान ही हो जाता है टिपिर टिपिर सामने बैठा चैकीदार करता रहता है और जो सामने डालो खा लेता है तो यही तो लिखा जायेगा।
आगे बढ़ी तो लिखा था केश काउंटर वाह! गजब क्या बिढ़या नाई की दुकान है बच्चों के केश कटवा लिये जाये पर अंदर तो वह ए टी एम निकला केश को कैश करने के लिये बैंक बैलेंस तो बनाना ही पड़ेगा
अब बदरी नाराण पर कोई मनचला बिंदी लगाकर उसे बंदरी नारायण बना दे तो बीबी की जूती तो उसी के सिर पड़ेगी मनचले के सिर पर तो पड़ेगी नही वो तो अपना काम करके निकल लिया पतली गली से। अब यह अपनी समझ में नहीं आया कोठियों के बीच पतली गली मिली कहाँ ?
शाहिद चिकिन शाॅप यहा ताजा चूजे मिलते हैं उसके ऊपर क्यों भाजपा ने अपने आकाओ का फोटो सहित बोर्ड लगाया कुछ समझ नहीं आया।
बोर्ड तो बोर्ड पढ़ने वाले की अपनी समझ है अब नासमझ पढ़े जो लिखने वाला क्या करेगा।
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