Tuesday 30 July 2024

hatya katha True

 काम हत्या कथा

घिनौना हत्यारा

पुलिस ने फ्लैट में पहुँचकर इधर उधर देखा। उनकी निगाह एक कपबोर्ड पर अटक गई। उन्हें याद हो आया कि आज से साढ़े तीन साल पहले इसी घर में बरलिरा इवान्स और उसकी चौदय वर्षीय लड़की गैरेल्डीन की लाश पाई गई थी इलन्स को अपनी पत्नी और बेटी की हत्या के जुर्म में पड़ोसी क्रिस्टी की गवाही पर फांसी की सजा हुई थी आज पुलिस केा इसी क्रिस्टी के फ्लैट में एक नहीं कई लाशों के पाये जाने का संदेह था।

फ्लाइंग स्ववार्ड की पुलिस स्काटलैंड यार्ड की सी आई डी, के आने से पहले कोई भी कदम नहीं उठाना चाहती थी। क्योकि मामले की भयंकरता से वे पूरी तरह परिचित थे। जांच अधिकारी कैम्प्स को भी बुलाया गया। कैम्प्स के आते ही कपबोर्ड खोला गया। खोलते ही एक घणित दश्य सामने आ गया। पांच फुट छः इच गहरे और चार फुट ऊँचे उस स्थान में एक अर्धनग्न युवती की लाश रखी हुई थी। पहली लाश की फोटों लेने के बाद उसे हटाया गया। उसके पीछे दो और लाशें थी। दोनों तीनों लाशे पीठ के बल रखी थीं। और उनके पैर आकाश की ओर उठे हुए थे। लाशों के रखने के ढंग से लगता था कि लाश रखने वाले को अंदर घुस कर रखनी पड़ी होगी।

जांच के दौरान, पाया गया कि सबकी हत्या गला घांेटकर की गई थी और सभी युवतियाँ थीं। शव घर में अच्छी तरह से परीक्षण के लिये लाशों को भेज दिया गया। इतनी देर पुलिस बाकी के फ्लैट की तलाशी लेती रही। दो तख्ते अन्य से काफी नये दिखाई दे रहे थे। उसमें कीलें भी नई थी। ढांचे से मिलाने पर लापता खोपड़ी ही लगी। यह वहाँ किस प्रकार पहुँची इस का व्यौरा क्रिस्टी ने बाद में दिया था। 

दोनों ढांचे की जांच के बाद जो बातें प्रकाश में आई वे थीः

1. महिला उम्र लगभग 21 साल, ऊँचाई पांच फुट सात इंच या पांच फुट आठ इंच। दांतों में मिश्रित धातु का ताज सा बना हुआ जो अधिकतर जर्मनी या आस्ट्रिया में बनाया जाता था। इसका मतलब था महिला ने कहीं केन्द्रीय यूरोप में किसी दन्त विशेषज्ञ से लगवाये होंगे।

2. महिला, उम्र 32 साल ऊँचाई पांच फुट एक इंच या 2 इंच। दोनों ढांचों का विवरण दो लापता युवतियों से मिल गया। एक आस्ट्रिया की शरणार्थी युवती थी जिसका नाम मार्गरेट फ्योरेस्ट था। अगस्त 1943 में लापता। दुसरी महिला म्यूरिल एडी जिसे अक्तूबर 1944 में आखिरी बार देखा गया। वह पार्क रायल स्थित एक फैक्टरी में काम करती थी जहाँ क्रिस्टी ने भी उसी वर्ष काम किया था।

क्रिस्टी की तलाश सात दिन तक जारी रही। 31 मार्च की सुबह एक फटेहाल सा आदमी प्यूटनी के एक कैफे में झांका एक राहगीर से उसने एक कप काफी के पैसे मांगे। उस व्यक्ति ब्रायर्स को चेहरा कुछ जाना पहचाना सा लगा। उसे लगा यह आदमी निश्चित रूव से क्रिस्टी है उसने पुलिस केा फोन कर दिया। कुछ मिनट बाद ही एक पुलिस अधिकारी लैगर ने उस व्यक्ति को नदी की रेलिंग पर झुके देखा। अभी लैगर उससे बात ही कर रहे थे कि ब्रायर्स के द्वारा बुलाई गई पुलिस वैन वहाँ पहुँच गईं क्रिस्टी ने पहले अपना नाम विडिंगटन बताया परंतु पुलिस की गाड़ी में अपना परिचय पत्र लैगर के ऊपर फेंक दिया। परिचय पत्र में उसका नाम रेनाल हाली डे क्रिस्टी लिखा था। क्रिस्टी का एक फोटोग्राफ लगभग और साथ ही लिखा था यु( के लिए सुरक्षित परंतु यहाँ आने के बाद मैंने बहुत शिक्षा प्राप्त की है। 

3. युवा। आठ हफ्ते पूर्व मत्यु। गला दबाने से मरा खून में कार्बनमोनोक्साइड 34 प्रतिशत। छः महिने का गर्भ। शिनाख्त रीता नेलसन के रूप में। बाहर जनवरी को आखिरी बार जीवित लेखा गया। उत्तरी आयरलैंड से लंदन में आई। अस्पताल में बार्डमेड के रूप में कार्यरत साथ ही वेट्रेस एक कैफे में ।

4. अधेड़। करीब बारह पंद्रह हफ्ते पूर्व मोत। दम घुटने के मोत। उसके पड़ोसी और भाभी शिनाख्त इथेल क्रिस्टी के रूप में। उम्र 45 साल। फ्लैट के लापता किरायेदार की पत्नी। पंद्रह दिसंबर को बहन को शेफील्ड पत्र भेजा। जिसकी तारीख दस से काटकर बाद में पंद्रह की गई।

यह पूर्व निश्चित था कि पहली तीन युवतियों का हत्यारा कामुक था और दुबारा भी सक्रिय हो सकता था। पुलिस ने पूरे देश में क्रिस्टी, घूरती आंखों वाले व्यक्ति को पकड़ने के लिये जाल फैला दिया। उसके फोटो समस्त अखबारों में प्रकाशित कर दिये गये।

तब तक उस हत्या घर की पुलिस हर दीवार फर्श और निचली मंजिल के किरायेदार होने की वजह से बगीचे का उपयोग भी क्रिस्टी ही करता था, सब खुदवा कर देख रही थी। एक व्यक्ति ने एक स्थान दिखा कर कहा कि मैंने यहाँ किसी को खुदाई करते देखा था। वहाँ खोद कर देखा गया तो मानवीय हड्डियाँ प्राप्त की गईं। अब बगीचे को दो दो फुट गहरा खोदकर मिट्टी छानी गई। अन्य कई हड्डियाँ कपड़ों के टुकड़े उन्नीस जुलाई 1943 का ईवनिंग न्यूज समाचार पत्र आदि भी मिला। एक गढ़े हुए डस्टबिन में से अधजली खोपड़ी निकाली गई। जब इन हड्डियों केा जोड़ा गया तो वे दो शरीर की हड्डियाँ थीं। परंतु एक खोपड़ी गायब थी। तभी पुलिस अधिकारियों को याद आया कि छः दिसम्बर 1949 को एक करीबन 34 वर्षीय औरत की खोपड़ी यहाँ से करीब सौ गज दूर सैंट मार्क रोड के पास बच्चों को खेलते मिली थी। उसको उन तख्तों को फर्श पर से उखाड़ा गया तो उसके नीचे भी एक महिला की लाश निकली।

पुलिस अब एकदम सतर्क हो गई। सोचा गया पुराने किरायेदार रेनाल्ड क्रिस्टी से शायद कुछ जानकारी मिले। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता लगा कि कपबोर्ड से मिली लाशों को गला दबाने के साथ साथ गैस के द्वारा भी मारा गया था। मोत से फौरन बाद या पहले बलात्कार किया गया था। एक लाश करीब चार हफ्ते पुरानी थी। दो आठ हफ्ते पुरानी थीं। फर्श में पाई गई लाश का केवल दबा जलाया गया था और वह करीब करीब बारह या पंद्रह हफ्ते पुरानी थी।

प्रत्येक लाश के विभिन्न दष्टिकोण से चित्र खींचे गये। उनके फिंगर प्रिंट शारीरिक चिन्ह लापता लड़कियों से मिलाये गये। लापता लड़कियों के रिश्तेदारों को बुलाकर लाशों की शिनाख्त करायी गई।

लाशों के मिलने के चौबीस घंटे के अंदर ही उनकी मौत के कारणों और शिनाख्त का कार्य सम्पन्न हो गया।

लाश नं॰ 1. युवा करीब चार हफ्ते पूर्व मत्यु। मत्यु गला दबने और दम घुटने से। खून में 36 प्रतिशत कार्बनमोनोक्साइड। नाम हैक्टोरिना मैक्लीनाम। उम्र 26 साल। आखिरी बार जीवित दो मार्च को देखा गया। क्रिस्टी के फ्लैट में तीन मार्च को आई। स्कॉटिश हाइलैंड के एक छोटे से गांव से आई।

लाश नं॰ 2. युवा, मत्यु आठ हफ्ते पूर्व। दम घुटने से मत्यु, चालीस प्रतिशत कार्बनमोनोक्साइड खून में। नाम कैथेलीन मैलोनी, उम्र पच्चीस साल। बारह जनवरी को आखिरी बार देखा गया। प्लेमाउथ जन्मस्थल। चाची द्वारा परवरिश जिसे आठ माह पूर्व हौलो वे जेल से लिखा, मैं जानती हूँ मै। बुरी लड़की हूँ। े


Sunday 28 July 2024

ek balidan ye bhi sahas katha

 एक बलिदान यह भी

उत्तरी आस्ट्रेलिया में रे बांउड्री डेनिस मर्फी और लिंडा तीनों शांत समुद्र के किनारे चहलकदमी कर रहे थे। आसमान पर हल्के बादल छाने लगे थे। ऐसे समय में मछलियां समुद्र की सतह पर आ जाती हैं। तीनों मित्र मछुआरे थे और ंिझंगा पकड़ते थे। लिंडा उन्हें पकाती। बाकी बची मछलियों को वह बाजार में बेच कर अन्य आवश्यक वस्तुऐं खरीदते थे। तीनों ने बराबर बराबर पूँजी लगाकर मछलीमार नौका खरीदी थी। खेल खेल में चुटकी बजाते उन्हें यह काम करने में बड़ा आनन्द आता था। 

निश्चय किया गया कि इस समय बहुत सी मछलियां पकड़ी जा सकती है। नौका को समुद्र की विशाल छाती पर तैरते तीनों चल दिये। एकाएक तेज हवा का एक झोंका आया। अभी वह कुछ समझ पाते। तब तक ऊँची तंरग ने उनकी नाव तोड़कर डूबो दी। हतप्रभ से वे तीनों समुद्र में थे। कई गोते खाने के बाद जब रे बांउड्री ने चारों ओर देखा तो उसे दूर पर गोते खाते डेनिस और लिंडा हार्टन दिखाई दिए। डेनिस भी इधर उधर देख रहा था। उनकी नौका का बहता हुआ पालिस्टइरीन फोम का एक बड़ा टुकड़ा और एक लाइफबेल्ट उनके हाथ लगी। लिंडा को लाइफबेल्ट पहनाकर दोनों ने उसे उस टुकड़े पर बिठा दिया। पहले चारों ओर कुछ आधार देखा। कुछ नजर न आया तों उस टुकड़े के दो किनारे पकड़कर समुद्र के साथ बहने लगे और कुछ घंटे ऐसे ही बहते रहे। समुद्र अब शांत था जैसे कुछ हुआ ही न हो। 

लेकिन समुद्र का किनारा कहीं नजर नहीं आ रहा था न कोई नौका न कोई जहाज। एकाएक जो चीज उन्हें नजर आई वह थी डेढ़ मीटर लंबी शार्क। एक सिहरन भय की लकीर ऊपर से नीचे तक तैर गई। उन्होनें तेजी से हाथ पैर मारने शुरू किये। तीनों निस्सहाय करीब आती मौत को देख रहे थे। शार्क ने खूखांर दृष्टि से अपने निहत्थे शिकारों को देखा। उसने आनन्द की किलोल करते दो चार गोते लगाये। लजीज गोश्त उसके सामने था। वह भी भरपेट मात्रा में। कुछ देर तक उन्हें जीवन मौत केबीच झकोरे लेते छोड़ उसने एक झपट्ठा मारा। डेनिस का पांव जैसे किसी तेज चाकू से बिंध गया और फिर झटके से शार्क ने उसका पाँव उखाड़ लिया। पूरा पाँव मुँह में दबाकर समुद्र में खो गई। चारों ओर लाल रक्त का एक तालाब सा बन गया। उनके आगे बढ़ने के साथ रक्त की धारा बढ़ती जा रही थी। एक पाँव इस तरह शरीर से नोच लिया जाए तो कैसी दारूण स्थिति होगी। बेहताशा खून निकल रहा था। और समुद्र मे घुलता रहा था। तीनों जानते थे कि शार्क तुरन्त वापस आयेगी, एक भय उनके दिल मे समाता जा रहा था कि समुद्र में घुलता यह ताजा लहू अन्य रक्त पिपासुओं को भी बुला लायेगा। 

डेनिस अभी होश में था। रक्त की धार ने उसे उद्वेलित किया। दूर पर शार्क फिर दिखाई देने लगी थी। वह बोला,‘ मै तो अब गया ही भाई। इतना रक्त बहाकर किनारे तक जीवित पहुँचना मुश्किल ही है। मुश्किल क्या असम्भव ही है। इसीलिए मै दूर जाकर उसे  उधर ही रोकने की कोशिश करता हँू। तुम लोग बहते हुए निकल जाओ। लिंडा चीख उठी नही नहीं । रे बाउड्री कराह कर बोला,‘ नही ऐसा कैसे हो सकता है।’ लेकिन फोम के टुकड़े को छोड़कर डेनिस ने समुद्र में डुबकी लगा ली। उसके बाद फिर उसे दोनों मंे से किसी ने नही देखा। 

दो घंटे बाद शार्क फिर आई। लिंडा और रे की साँस फिर अटक गई। उसने दो तीन चक्कर लगाये। फिर ऊपर उसकी भयानक शक्ल दिखाई दी। इसके बाद हवा मंे लहराया उसका शरीर । उसने एक तेज छलांग लगाई। समुद्र की सतह से ऊपर आई और सीधी गिरी फोम के टुकड़े पर। उसने छाती के पास से लिंडा को दबोचा और खींचती हुई पानी में उतर गई। कुछ देर तक लिंडा की चीखें सुनाई दी। रे बाउडी ने कस कर अपनी आँख मीच ली क्योकि पास ही जोर जोर से पानी में उथल पुथल हो रही थी। कभी शार्क का शरीर चमकता कभी शार्क के मुँह में दबी लिंडा का । सम्भवतः पानी में पहुँचकर उसने लिंडा को किसी प्लास्टिक की गुड़िया की तरह झकझोरना और पटकना शुरू किया और अंततः उसे लाइफबेल्ट से बाहर निकाल दिया। 

एक बार साहस कर रे ने फिर आँखें खोली और उधर नजर डाली। उसकी नजर पड़ी लिंडा का लाइफबेल्ट उतर चुका था और शार्क उसे मुँह में दबाये तेजी से भागती जा रही थी। रे ने हताश हो एक बारगी फोम के टुकड़े पर सिर दे मारा। अब उसकी बारी थी। वह अपने जीवन से भी निराश हो गया था। 

पाँच घंटे तक वह लगातार बहता रहा। बार बार इधर उधर देखता कि अब शार्क आई अब शार्क आई। लेकिन अब दिखाई  दिया एक जहाज। जहाज पर डेक पर खड़े व्यक्तियों ने उसे उठाया तो वह फफक उठा डेनिस ने उसके लिए अपना बलिदान दिया है। उसकी आत्मा की सुन्दरता ने उसे जीवन दिया है। 

एक आत्म विश्वास से भरकर रे ने कहा मै फिर मछली मार नौका खरीदूँगा। फिर समुद्र की छाती रोदूँगा। नहीं करूँगा तो मेरे दोस्तों की आत्मा मुझे बेवफा मानेगी।


Saturday 27 July 2024

chota sa khel

 छोटा सा खेल

एक बात का ध्यान तुम और वेल दोनों रखना कि कभी इस लड़के की तरफ पीठ मत करना “शैरिफ पैट गैरेज ने बॉब आलिंगर से कहा, “हर क्षण चेहरा सामने रखों और ध्यान रखों तुम पता नहीं लगा सकते कि लड़के मे मस्तिष्क में क्या है। उसक मुस्कराहट में धोखा है उसकी मुस्कराहट खून भी है।

डिप्टी शोरिफ बॉब आजिर और डिप्टी शेरिफ जे डब्लू वेल हवाइट आक बिली पर नजर रखने के लिये नियुक्त किये गये थे।

“ आप मेरी चिन्ता न करें, “ आलिंजर ने जबाब दिया, “ मैं बिली का अच्छी तरह जानता गिद्व दृष्टि रखूंगा उस पर। मेरी पिस्तौल और बंदूक हमेशा भरी रहती है। मेरे साथ चाल चलने का अर्थ लड़का अच्छी तरह जानता है।

“शाबाश शैरिफ ने कहा।”

लेकिन बेल दुसरी किस्म का है। आलिंजर ने कहना जारी रखा,  “ मुझे लड़के से ज्यादा उसका डर है। वो ऐसे ही सोता रहता है। लडके के साथ ताश खेलता है। उसे लगता है बिली को खुश रखना चाहिये लेकिन मेरा जहां तक ख्याल है किड कि खुशी बेल की पिस्टर पाकर ज्यादा होगी।”

“ बेल लड़के की हथकड़ियां तो नहीं खोलता होगा।

नही हथकडियां तो पहने रहता है”

गैरेट कुछ क्षण सोचता रहा,

“ कभी कभी समय बिताने के लिये ताश खेलना बुरा तो नही हथकड़ी पहने कुछ खास कर भी नहीं पायेगा।”

“लेकिन मुझे जरा अच्छा नहीं लगता ”, आलिंजर ने कहा, “ इसमें खतरा है बिली हमेशा इधर उधर की बात करता रहता है। उसकी निगाहें ताश मे पत्तों के बीच से रिवाल्वर पर ही टिंकी रहती है जरा भी कभी बेल का ध्यान चूकेगा वह झपट लेगा एक बात और, बेल अखबार पढ़ता है तो उसका सिर बिलकुल अखबार में छिप जाता है और लड़का वहीं बैठा रहता है।”

“मै बेल को समझा दूॅगा। ” शैरिफ ने कहा, “ देखने मे लड़का एक स्कूली लड़के की तरह नादान भोला लगता है लेकिन आदमी कैसे मारता है जैस नाश्ता कर रहा हो। बेल को मौका नहीं देना चाहिये।”

बिली की मुस्कराहट उतनी ही प्रसिद्व थी जितनी उसकी उंगलियां ट्रिगर पर।

वो जीत में भी मुस्कराता था हार में भी। उसकी ठंडी शैतानी मुस्कराहट उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बन चुकी थी। फांसी के तख्ते की छाया में भी वह मुस्कराहट चुटकुले सुनता और सुनाता, उसकीं बातें हल्की फुल्की और मजाक से भरपूर होती थी। 

वह मरने वाले से अधिक एक ऐसा युवक लगता था जिसके आगंे खुशियों भरा जीवन हो।

उसके शराब भरे गिलास के जीवन में केवल ऐ बूूंद आशा की बची थी। रात दिन वह हथकड़ियों में जकडा रहता । हथकड़ियों छः इंच लम्बी थी और पैरो की बेडियां बारह इंच लंबी। अगर पानी पीना चाहे या सिगरेट पीना चाहे तो उसे दानो हाथ मुॅह मे पास ले जाने पडते।

आंलिंगर और बेल उस पर कडी़ निगाह रखते। दानो पूर दिन डयूटी पर रहते और एक रात में वह हाथ भी ऊंची उठाता तो दोनों शंका भरी नजरों से उसे देखने लगते। दोनों को उसकी चौकसी के लिये चुने जाने का करण था दोनो उसके पक्के दुश्मन ओर उसके लिये एक घृणा की भावना थी। फांसी के फंदे तक पहुच कर ही उनका बदला पूरा होगा। उसने आंलिजर के एक मित्र को मारा था और बेल के भी एक मित्र कार्लाइल को मारा था। लेकिन आलिंजर और बेल दानों के स्वभाव में जमीन आसमान को अंतर था अलिंजर शैतान था तो बेल एक मनुष्य। आंलिंजर बिली को फांसी के तख्ते पर पहुंचाने के लिये बेहद उत्सुक था।

“गुड मांर्निग बिली द” उसकी प्रतिदिन की शुभकामना थी, “एक दिन और कम हो गया। ”

आलिंज की घृणा जैस जैसे दिन बीत रहे थे बढ़ती जा रही थी। जबकि बेल की घट रही थी। बेल लंबा गम्भी सा दिखने वाला व्यक्ति था चेहरे पर लंबा चाकू का निशान था। ह्रदय से दयालु। बिली कोर्ट के ही करीब साठ फुट चौडे और पचास फुट लंबे कमरे मं बंद था जो दुसरी मुजिल कं ऊपरी हिस्से मं बना था। उसमें छः खिडकियां थी दो सामने सड़क पर दो पीछे और दो पूर्वी दीवाल पर। इस हाल के अंत में एक दरवाजा बालकनीं में खुलता था। हाल के दूसरे अंत में एक छोटा कमरा था जिसमें हथियार रखे थे पूर्वी दीवार की खिडंकी पर ही बैंच पर बैठा बिली बाहर का नजारा देख रहा था।

“ठीक है अब मैं कल फिर आउंगा, “शैरिफ ने कहा, “तुम कैदी पर ठीक से नजर रखना देखना किसी प्रकार का मौका मत देना। मेरी इज्जत तुम लागों के हाथ है।”

“आप चिन्ता ने करें। आलिंजर ने कहा।”

घोडे़ की टांप सुनसान सड़क पर कुछ दूर सुर्ना देती रही फिर बंद हो गई। दोपहर आई आलिंजर उठा और अंगडाई लेकर बोला, “ पास ही धावे में खाना खाकर आता हुॅ, एक घंटे से अंधिक समय नहीं लगेगा उसके बाद तुम चले जाना।”

अपनी बंदूक का थपथपाता बिली की ओर देखकर बोला, “पूरी अट्ठारह गोलियां जरा भी कोशिश की तो सीधे तुम्हारी छाती पार कर जायेगी। ”

जीना उतरते समय बंदूक आलिजंर ने दीवाल के सहारे खड़ी कर दी। खिडकी में से बिली ने आंलिजं को जाते देखा एक हल्की सी मुस्कराहट उसके होंठों पर खिंच गई।

बिली ने सिगरेट सुलगाई और बेल से कहा, “ एक खेल जाये समय कट जायेगा।” बिली मेज पर बैठ गया और बेल ने कुर्सी ली। बिली ने एक निगाह बेल की पिस्टल पर डाली। आज उस पर खोल नहीं था। और शर्ट और बेल्ट के बीच में लटक रहा था।

एकं खेल में बिली विजयी हुआ। उत्साह में वह कुछ इंच आगे खिसक आया यानि बेल के और नजदीक साथ ही एक रहस्य भरी मुस्कराहट फिर उसके मुॅह पर चमकी जिस बेल ने नहीं देखा।

बेल ने पान का गुलाम निकाला, “यह मेरा लकी पत्ता है। चलो दिया सलाई की सींक निकालो।”

दस तीलियां निकालने बिली झुका और इस ढ़ग से कि गुलाम फिसल कर जमीन पर गिरा, “ सारी हथकडी के साथ खेलना कितना मुश्किल है।”

“कोई बात नहीं मै उठाता हूॅ। बेल हाथ से मेज पकड ताश उठाने के लिये झुका। बिली यह मौका हफ्तों से ढूंढ रहा था जैसे ही बेल झुका उसने मेज पर झुक कर उसने पिस्टल अपने कब्जे में की। बेल न ऊपर देखा तो वह अपनी ही बंदूक की गिरफ्त में था,

जैसे में कहता हूॅ वैसे जल्दी से करो बेल, “ बिली ने तीखी और कठोर आवाज में कहा। “ एक कदम दूसरा और तुम जान से हाथ धो बैठोगे, मैं तुम्हे मारना नहीं चाहता। तुमने मेरे साथ सदा अच्छा व्यवहार किया था। बाहर निकल जाओं मै तुम्हे हथियारों वाले कक्ष मे बंद करूंगा।”

बेल समझ नहीं पा रहा था क्या करे। हाल पार करते उसे मन ही मन क्रोध आ रहा था। आखिर वह धोखा कैसे खा गया। उसकी दया के कारण यह स्थिति आई गैरेट क्या सोचेंगें।

ऊपर का जीना आ गया था। हथियार बाला कक्ष कुछ ही पीछे था और बिली करीब छः फुट पीछे था। अगर भा कर जाना चढ जाये तो मोड़पर पहुॅचले पर किड कुछ नहीं कर पायेगा। तेजी से जीना चढ़ कर एक ही छलांग मे मोड़ पर पहुंच गया एम कदम और वह दीवाल के पीछे होगा लेकिन बिली की फुर्ती कम नहीं थी। वह तेजी से उछला अभी पांव जमीन को छू पाते की पिस्टल ने आग उगली गोली सीधे दिन के पास लगी और बेल सीढियों लुढक कर नीचे मृत गिर पडा़।

बेल की पिस्टल कमर में खोंस कर बिली हथियार कक्ष की ओर बढ़ा । उसे खोल आंलिंजर की बंदूक ली और पूर्वी खिड़की तक पहुंच गया। बंदूक के बैट को थपथपाया धीरे से खिडकी से बाहर झांका।

ऊपरी दूसरी मंजिल पर हुए धमाके ने आलिजरं को चौंका दिया। वह खाना शुरू ही करने वाला था। यह कैसी आवाज, लेकिन और कुछ नहीं सुनाई दिया कहीं बिली ने भागने की कोशिश की हो और बेल ने उसे मार दिया हो और इसका वह सिहर उठा। एक दम भागता सा उसने सड़क पर की।

वह पिछले दरवाजे की ओर बढा, अगर कुछ गढ़बड हुई तो यह ज्यादा ठीक रहेगा लेकिन एक भी आवाज नहीं तभी उसे सुनाई दिया हलों बॉब

आलिंजर पहचान गया बिली को बेहद शांत आवाज थी। कुछ आराम महसूस हुआ शायद उसक शक गलत था बिली अपनी खिडकी में हमेशा की तरह बैठा है । उसने ऊपर देखा । ठीक उसके ऊपर बिली था। वह आधा झुका था उसके हाथ मे आलिंजर की बंदूक उस पर निशाना बनी थी और चेहरे पर मुस्कराहट।

आंलिंजर जम कर रह गया। शायद मृत्युभय से या असहाय स्थिति से पिस्टर बगल में लटक रही थी और वह बिली को घूर रहा था बिली ने ट्रिगर दबाया और नौ गोलियां आलिंर की छाती मे घंस गई हाथ में पिस्टर लिये वह जमीन पर गिर पडा। दरवाजा खोल कर बिली कोर्टरूम से बाहर निकला पैरों में बेडियां पडी थी लेकिन हथकडियां अपने छोटे मुलायम हाथों से फिसला कर निकाल दी थी। रास्ते में आलिंजर का मृत शरीर पडा़ था, “मेरी छाती में गोली दागेगा” वह बुदबुदाया । क्रोध में उसने बंदूक उठायी फिर ह इलाका धमाकों से गंूज उठा नौ और गोलियां उसने आलिंजर के शरीर मे धंसा दी और जोर से बंदूक उसके शरीर पर दे मारी।

अभी उसे बचना था वहां के रहने बाले अवश्य उसे घेरने और मारने का उपाय कर रहें होंगें। हथियार कक्ष मे जाकर उसने दो पिस्टल और एक राइफल ली उन्हे भरा दो बंदूक की पेटियां जिनमे पिस्टल और राइफल की गोलियां लगाई पीछे की सीढीयों पर जाकर बेल के शरीर को लांघता आगे बढा। वृद्व गांस ने डर से अपने को रसोई मे ंबंद कर लियां। बिली ने दरवाजा खटखटाया तो कांपते हुए दरवाजा खोला।

“डरो नही गांस ” बिली बोला, ”जो बढिया मांस पकाकर खिलोयेगा उसे कुछ नही होगा, ये बेडियां तोडो तो।”

गांस ने लकडियांे पर पड़ी कुल्हाडी उठायी ध्यान से कहकर बिली ने पिस्टल गांस के सिर पर लगा दी। कुछ चोंटो में बडी टूट गई। बेडी की चेन ऊपर कर पेटियों से बांध ली अब वह चलने फिरने के लिये स्वतन्त्र था।

पीेछे घुड़साला और चरागाह था एक काना टट्टू गांस से मंगाया एक घंटे तक उसे पकड़ने की कोशिश करता रहा जब टट्टू थक गया तब उस पर काठी जमा दी ।

बिली गली की ओर बढ़ दिया करीब आधा दर्जन व्यक्ति अभी भी खडे तमाशा देख रहे थे और वह गुनगुनाता आगे बढ गया।


Friday 26 July 2024

Bhajan

 

 

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Wednesday 17 July 2024

Bhajan 11

 ☺24

मैं डूबा उस पार मोहन पार करो

और नहीं आधार मेाहन पार करो

झिमिरी नइया डगमग डोली 

कर्ण धार की है मति डोली

लेकर अब पतवार मोहन पार करो 

कौन नाथ तुम सम उपकारी 

करते सदा दीन रखवारी 

कर थोड़ा उपकार मोहन पार करो

रघुनन्दन आ वेग बचाओ 

करूणा निधि करूणा कर आओ 

कठिन बीच परिवार मेाहन पार करो


25☺

                      कृष्णा घर नन्द के आये सितारा हो तो ऐसा हो 

करे सब प्रेम से दर्शन दुलारा हो तो ऐसा हो 

बकासुर को मसल डाला पूतना जान से मारी 

कंस को केश से खीचां खिलारा हो तो ऐसा हो 

कूद पानी के अंन्दर से नाग को नाथकर लाये 

चरण फण फण पे घर कर के नचारा हो तो ऐसा हो 

तीर जमुना के जाकर के बजाई बांसुरी मोहन 

चली घर छोड़ ब्रज नारी पियारा हो तो ऐसा हो 

रचाया रास कुंजन में मनोहर रूप बन करके 

देव दर्शन को चले आये दिदारा हो तो ऐसा हो 

गये जब छोड़ गोकुल को नहीं फिर लौटकर आये 

सखी रोती रही वन में किनारा हो तो ऐसा हो 

पुरी द्वारावती जाकर महल सोने के बनवाये 

हजारों रानियाँ ब्याही पंसारा होतो ऐसा हो 

कुरू पाँडव लड़े रण में जीत अर्जुन की करवाई 

बचाई लाज द्रोपदी की सहारा हो तो ऐसा हो 

उतारा भार भूमि का सिधाये धाम अपने को 

वो ब्रह्नाा नन्द दुनिया का नियारा हो तो ऐसा हो 






26☺

श्यामाश्याम सलोनी सूरत कौ श्रंगार बसन्ती है 

मेार मुकुट की लटक बसन्ती चन्द्र कला की चटक बसन्ती

मुख मुरली की मटक बसन्ती

सिर पर पेच श्रवण में कुण्डल की छविदार बसन्ती है 

श्यामा श्याम ...............

माथे चन्द्र लस्यो बसन्ती कटि पीताम्बर कस्यो बसन्ती

मो मन मोहन बसो बसन्ती

गुंज माल गल सोहे फूलन को गल हार बसन्ती है 

कनक कडूला हस्त बसन्ती चले चाल अल मस्त बसन्ती

पहर रहे पोशाक बसन्ती

रूनुक झुनुक पग नपुर की झनकार बसन्ती है 

सग ग्वालन के गोल बसन्ती बेाल रहे हैं बोल बसन्ती

बजे चंग ढप ढोल बसन्ती 

सब सखियन में राधे जी सरदार बसन्ती है 

परम प्रेम परशाद बसन्ती लगे चसीलो स्वाद बसन्ती

है रही सब भरजाद बसन्ती

धासी राम श्याम श्यामल कोै नाम बसन्ती है 




27☺

                       सखी घनश्याम राधे में लड़ाई होने वाली है

बहुत दिन की मुहब्बत है जुदाई होने वाली है

न हसँती बोलती राधे न करती बात मोहन की 

न मालुम किस तरह ऐसी बुराई होने वाली है

                    मिले कल कुंज में ये श्याम बहुत मिन्नत खुशामद की

न मानी लाड़ली राधे रुखाई होने वाली है

मुरारी से हुआ अपराध ऐसा कौन सा आली 

प्रिया प्यारे दोनों में सफाई होने वाली है

वहाँ उनको न कल उन बिन 

                        न उनको चैन था उन विन 

क्यों राधे श्याम पंिडत की रसाई होने वाली है



28☺

हमारे श्याम सुन्दर भी अजब माया दिखाते हैं

किसी को पल में करते खुश किसी को जा रुलाते हैं

मदारी खेल जो करता बजाकर कर डुग डुगी अपनी 

उसी की भाँति मोहन भी जगत को जा नचाते हैं

मुरारी भक्तों के कारण अनेकांे रूप धरते हैं

दुर्योधन मेवा तज बिदुर घर साग खाते हैं

सदा से प्रेमी के मोहन सदा मोहन के प्रेमी हैं

वो प्रेमी प्रेम से रीझे अजब बंशी बजाते हैं

सखा अर्जुन को उनके जब कि रण में मोह होता है

तो रथ पर बैठकर वो प्रेम से गीता सुनाते हैं


29☺

यह तो बताओ भगवान कैसे जपू नाम तेरा 

काहे की नाव काहे के खेवा काहे से उतर जाय पारा

सत्य की नाव धर्म को है ख्ेावा करनी से उतर जाय पारा

काहे की धरती काहे का है अम्बर काहे का बना संसारा

सत्य की धरती धर्म का है अम्बर मतलब का है संसारा

सिर की जटा खोले डोलू मैं बन वन तोऊ न मिले नन्द लाला 

कहत कबीर सुनो भई साधो भजन से मिले नन्द लाला 

ऐसो जपो नाम तोरा 











30☺

मोहन हमारे मधुवन में तुम आया न करो

जादू भरी ये बाँसुरी बजाया न करो 

छलिये आया न करो

सूरत तुम्हारी देख कर सलोनी साँवरी 

सुनकर तुम्हारी बासुँरी होती हूँ बाबरी

इस बासुँरी पर टेर ये सुनाया न करो 

जादू भरी ......................

सिर पर मुकुट गलमाल कटि में काछनी सोहे

कानों में कुण्डल झूमते मन को मोरे मोहे

यो चन्द्रमा का रूप ले लुभाया न करो 

जादू .....................

अपनी यशोदा मइया की सौगन्ध है तुमको 

माखन चुराने वाले चित चुराया न करो 

जादू ............................

                         ☺ 31

चीर आकर बढ़ा पापी खींचे खड़ा है मुरारी 

भरी सभा में है करता उधारी

जुल्म करता सितम आज भारी 

                        दुष्ट दुशासन है अत्याचारी

है ये पापी भला काट इसका गला विपदा भारी 

भरी सभा में है करता उधारी 

बैठे पाँडव सभी नार डाले 

                       कोई ऐसा न मुझको बचाले 

मेरी बिगड़ी बना करदे पापी फना क्या बिचारी 

भरी सभा में है करता उधारी 

सामने आज विपदा खड़ी है 

                        वधिक के फन्दे में मृगनी पड़ी है

पार नइया करो भार आकर हरो 

                        शरण तुम्हारी भरी सभा ..........................

श्याम सृष्टि के तुम हो रचैया 

                        नाव जनकी हो तुम्ही खिवैया 

फरियाद भक्त करंे विनती निशदिन करे 

                        जनता सारी भरी सभा ..........................





Tuesday 16 July 2024

Bhajan 10

 ☺देवी जी 

महिमा तुम्हारी है निराली जगदम्बे मइया 

तेरे सहारे चलती है नइया तेरे सहारे जीते है मइया 

सबकी मिटा दो रात काली जग ....

धूप दीप नैवेध आरती ये ले लो पूजा की थाली 

कंचन थार कपूर की बाती ये लेलो आरती की थाली 

छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन ये ले लो भोजन की थाली 

कब से खड़ी हूँ मइया आस लगाये पूूजा हमारी खाली न जाय 

इच्छा कर देना भरपूरी जगदम्बे ..........

दुखियों के घर में सुख बरसादो अंधियारे घर में दीपक जला दो 

तुमसे ही घर घर में दीवाली जगदम्बे 


☺द्वारे तुम्हारे बड़ी भीड़ जगदम्बे मइया 

द्वारे तुम्हारे एक अबला पुकारे 

अन्धे को नैना दे देना जगदम्बे भइया 

द्वारे तुम्हारे एक कोढ़ी पुकारे 

कोढ़ी को काया दे देना जगदम्बे मइया 

वाझिन .......................बालक 

कन्या ..........................घर वर 

बालक .....................बुद्वि

भक्त .............................दरशन दे देना जगदम्बे मइया 

माता मोहे राज बता दो 

सरस्वती शीश को आज्ञा दो मात मैं शीश नवाऊँगी 

सरस्वती नेनाैं को आज्ञा दो मात मैं दरश करूँगी 

सरस्वती कानन को आज्ञा दो मात मैं कथा सुनूॅंगी

सरस्वती देह को आज्ञा दो मात में गंगा नहाऊँगी 

सरस्वती हाथन को आज्ञा दो मात में दान करूॅंगी

सरस्वती पावों को आज्ञा दो मात परिकम्मा करूँगी 

सरस्वती में सुमरू बारम्बार मात मोहे ज्ञान सिखा दो 


 


☺संतोषी माँ संतोषी माँ मैं कब से तुम्हें पुकार रही

तेरे द्वार खड़ी एक दुखियारी आशा से तुम्हें निहार रही 

मेरे हाथ नहीं है गंगाजल जो तुम्हें नहलाने आ जाती 

आँखों के अश्रु से मइया में तुम्हें नहलाने आई हूँ

मेरे हाथ नहीं है फूलांे के हार जो तुम्हें पहनाने आ जाती 

लेके फूलों को माता में तुम्हें चढ़ाने आई हूँ 

मेरे पास नही मेवा मिश्री जो भोग लगाने आ जाती 

मेरे पास धूप और बाती नही जो आरती करने आ जाती 

ह्नदय के भावों को मइया मै तुम्हें दिखाने आई हूँ

माँगू माँगू तो क्या माँगू मेरे पास है सब कुछ क्या माँगू 

माँगू तो फिर में यह माँगू मेरी बिगड़ी बात बना देना 


☺ तेरो मुख चन्द्र चकोर मेरी माता 

देवि के द्वारे एक कोढ़ी पुकारे 

उसका दुख दूर करो मेरी माता 

तेरो ..................

माता के द्वारे एक बाझन पुकारे 

उसको लालन दे ओ मेरी माता 

तेरा ................

माता के द्वारे एक दुखी पुकारे 

उसका दुख दूर करो मेरी माता 

                        दासी की विनती सुन मेरी माता

चरणा कमल में मेरो मन राता 

तेरो ..............................

मइया बैठी है सिंहासन माला खड़ा लिये माली 

सिर मइया के मुकुट विराजे माथे बिंदिया भारी 

नाक मइया के नथुनी सोहे होठों पर सोहे लाली

कान मइया के कुण्डल सोहे गले में हरवा भारी 

हाथ मइया के कंगन सोहे गोटा जरद किनारी 

पैर मइया के पायल सोहे महावर की लाली 

मइया ..................

हाथ में मइया के खप्पर सोहे एक हाथ भुजाली 

सिंह पर मइया गरजत आवे लंागुर करे अगवानाी 

मइया ............................................


☺बधाई बाजे मइया तोरे भवन में 

सिर पर मुकुट माथे पे बिंदिया 

कजरा सोहे मइया तोरे नयन में 

बधाई .................

मुँह में पान हाथ में मेंहदी 

जड़े हीरा मइया तोरे कंगन में 

बधाई .............................

गोटा जरी लागे तोरे लहँगा में 

सितारे लागे मइया तोरे चुनर में बधाई 

पाव महावर विछवा सोहे 

पायल बाजे मइया तोरे चरन में बधाई 

हंसि पूछे श्री भगवान शारदा के बहिनी 

एक बहिनी कलकत्ता विराजे

जिसका कालका नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी बम्बई में विराजे 

जिसका मुम्वा नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी कानपुर में विराजे

जिसका तपेश्वरी नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी वख्शी ताल विराजे

जिसका चंद्रिका नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी लखनऊ में विराजे

जिसका शीतला नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी नीम सार विराजे 

जिनका लालता नाम शारदा के वहिनी 


☺मंाग्यो वरदान देवी के मन्दिरवा भीतर 

माग्यो मैं अन्न धन सोनवा 

बरसे अनुराग देवी के मन्दिरवा भीतर 

माग्यो मैं चटक चुनरिया 

लागे नही दाग देवी के मन्दिरवा भीतर 

मंाग्यो मैं भर हाथ चुड़ियां 

                        मोरे अमर सुहाग देवी के मन्दिरवा भीतर

भाग्यो मै पति की उमरिया दमके मोरी माँग 

देवी के ..............................................

भाग्यो मे एक दुई लरिका कन्या अकेली देवी के 

अम्बे कहा जाय जगदम्बे कहा जाय

बोल अम्बे रानी तुझे क्या कहा जाय 

मैने सोने का वेंदा बनवाया उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों का हॉं तुम्हें फूलों का बेंदा पसद आया 

अम्बे ..................................

मैने सोने के कुन्डल बनवाये उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हें फूलों के कुण्डल पसन्द आये 

अम्बे ...........................

मैने सोने का हार बनवाया उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हे फूलों के हार पसन्द आये 

अम्बे ......................................

मैने सोने की तगड़ी बनवाई उसमें हीरे ओर मोती जड़वाये 

तुम्हें फूलों की हाँ तुम्हें फूलों की तगड़ी पसन्द आई 

अम्बे .........................

मैने सोने के विछुये बनवाये उसमें हीरे और मोती जड़वाये

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हें फूलों के बिछुये पसन्द आये 

अम्बे .....................................

मैने गोटे की चुदरी बनवाई उसमें मोती की झालर लगवाई 

तुम्हें लाल चुदरिया पसन्द लाल चुदरिया पसन्द आई ।


आजाओ मेरी संतोषी माँ सिहासन तेरा खाली है 

मइया एक अरज मेरी सुन लेना 

मेरा माथे का संेदुर अमर करना 

वह हँस कर बोली बेटी पूरी तेरी आशा आजाओ

बिन्दीनथुनी चूड़ी मेंहदी बिछुये चुन्दरी 


Monday 15 July 2024

Bhajan 9

 

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