Saturday, 27 July 2024

chota sa khel

 छोटा सा खेल

एक बात का ध्यान तुम और वेल दोनों रखना कि कभी इस लड़के की तरफ पीठ मत करना “शैरिफ पैट गैरेज ने बॉब आलिंगर से कहा, “हर क्षण चेहरा सामने रखों और ध्यान रखों तुम पता नहीं लगा सकते कि लड़के मे मस्तिष्क में क्या है। उसक मुस्कराहट में धोखा है उसकी मुस्कराहट खून भी है।

डिप्टी शोरिफ बॉब आजिर और डिप्टी शेरिफ जे डब्लू वेल हवाइट आक बिली पर नजर रखने के लिये नियुक्त किये गये थे।

“ आप मेरी चिन्ता न करें, “ आलिंजर ने जबाब दिया, “ मैं बिली का अच्छी तरह जानता गिद्व दृष्टि रखूंगा उस पर। मेरी पिस्तौल और बंदूक हमेशा भरी रहती है। मेरे साथ चाल चलने का अर्थ लड़का अच्छी तरह जानता है।

“शाबाश शैरिफ ने कहा।”

लेकिन बेल दुसरी किस्म का है। आलिंजर ने कहना जारी रखा,  “ मुझे लड़के से ज्यादा उसका डर है। वो ऐसे ही सोता रहता है। लडके के साथ ताश खेलता है। उसे लगता है बिली को खुश रखना चाहिये लेकिन मेरा जहां तक ख्याल है किड कि खुशी बेल की पिस्टर पाकर ज्यादा होगी।”

“ बेल लड़के की हथकड़ियां तो नहीं खोलता होगा।

नही हथकडियां तो पहने रहता है”

गैरेट कुछ क्षण सोचता रहा,

“ कभी कभी समय बिताने के लिये ताश खेलना बुरा तो नही हथकड़ी पहने कुछ खास कर भी नहीं पायेगा।”

“लेकिन मुझे जरा अच्छा नहीं लगता ”, आलिंजर ने कहा, “ इसमें खतरा है बिली हमेशा इधर उधर की बात करता रहता है। उसकी निगाहें ताश मे पत्तों के बीच से रिवाल्वर पर ही टिंकी रहती है जरा भी कभी बेल का ध्यान चूकेगा वह झपट लेगा एक बात और, बेल अखबार पढ़ता है तो उसका सिर बिलकुल अखबार में छिप जाता है और लड़का वहीं बैठा रहता है।”

“मै बेल को समझा दूॅगा। ” शैरिफ ने कहा, “ देखने मे लड़का एक स्कूली लड़के की तरह नादान भोला लगता है लेकिन आदमी कैसे मारता है जैस नाश्ता कर रहा हो। बेल को मौका नहीं देना चाहिये।”

बिली की मुस्कराहट उतनी ही प्रसिद्व थी जितनी उसकी उंगलियां ट्रिगर पर।

वो जीत में भी मुस्कराता था हार में भी। उसकी ठंडी शैतानी मुस्कराहट उसके व्यक्तित्व का हिस्सा बन चुकी थी। फांसी के तख्ते की छाया में भी वह मुस्कराहट चुटकुले सुनता और सुनाता, उसकीं बातें हल्की फुल्की और मजाक से भरपूर होती थी। 

वह मरने वाले से अधिक एक ऐसा युवक लगता था जिसके आगंे खुशियों भरा जीवन हो।

उसके शराब भरे गिलास के जीवन में केवल ऐ बूूंद आशा की बची थी। रात दिन वह हथकड़ियों में जकडा रहता । हथकड़ियों छः इंच लम्बी थी और पैरो की बेडियां बारह इंच लंबी। अगर पानी पीना चाहे या सिगरेट पीना चाहे तो उसे दानो हाथ मुॅह मे पास ले जाने पडते।

आंलिंगर और बेल उस पर कडी़ निगाह रखते। दानो पूर दिन डयूटी पर रहते और एक रात में वह हाथ भी ऊंची उठाता तो दोनों शंका भरी नजरों से उसे देखने लगते। दोनों को उसकी चौकसी के लिये चुने जाने का करण था दोनो उसके पक्के दुश्मन ओर उसके लिये एक घृणा की भावना थी। फांसी के फंदे तक पहुच कर ही उनका बदला पूरा होगा। उसने आंलिजर के एक मित्र को मारा था और बेल के भी एक मित्र कार्लाइल को मारा था। लेकिन आलिंजर और बेल दानों के स्वभाव में जमीन आसमान को अंतर था अलिंजर शैतान था तो बेल एक मनुष्य। आंलिंजर बिली को फांसी के तख्ते पर पहुंचाने के लिये बेहद उत्सुक था।

“गुड मांर्निग बिली द” उसकी प्रतिदिन की शुभकामना थी, “एक दिन और कम हो गया। ”

आलिंज की घृणा जैस जैसे दिन बीत रहे थे बढ़ती जा रही थी। जबकि बेल की घट रही थी। बेल लंबा गम्भी सा दिखने वाला व्यक्ति था चेहरे पर लंबा चाकू का निशान था। ह्रदय से दयालु। बिली कोर्ट के ही करीब साठ फुट चौडे और पचास फुट लंबे कमरे मं बंद था जो दुसरी मुजिल कं ऊपरी हिस्से मं बना था। उसमें छः खिडकियां थी दो सामने सड़क पर दो पीछे और दो पूर्वी दीवाल पर। इस हाल के अंत में एक दरवाजा बालकनीं में खुलता था। हाल के दूसरे अंत में एक छोटा कमरा था जिसमें हथियार रखे थे पूर्वी दीवार की खिडंकी पर ही बैंच पर बैठा बिली बाहर का नजारा देख रहा था।

“ठीक है अब मैं कल फिर आउंगा, “शैरिफ ने कहा, “तुम कैदी पर ठीक से नजर रखना देखना किसी प्रकार का मौका मत देना। मेरी इज्जत तुम लागों के हाथ है।”

“आप चिन्ता ने करें। आलिंजर ने कहा।”

घोडे़ की टांप सुनसान सड़क पर कुछ दूर सुर्ना देती रही फिर बंद हो गई। दोपहर आई आलिंजर उठा और अंगडाई लेकर बोला, “ पास ही धावे में खाना खाकर आता हुॅ, एक घंटे से अंधिक समय नहीं लगेगा उसके बाद तुम चले जाना।”

अपनी बंदूक का थपथपाता बिली की ओर देखकर बोला, “पूरी अट्ठारह गोलियां जरा भी कोशिश की तो सीधे तुम्हारी छाती पार कर जायेगी। ”

जीना उतरते समय बंदूक आलिजंर ने दीवाल के सहारे खड़ी कर दी। खिडकी में से बिली ने आंलिजं को जाते देखा एक हल्की सी मुस्कराहट उसके होंठों पर खिंच गई।

बिली ने सिगरेट सुलगाई और बेल से कहा, “ एक खेल जाये समय कट जायेगा।” बिली मेज पर बैठ गया और बेल ने कुर्सी ली। बिली ने एक निगाह बेल की पिस्टल पर डाली। आज उस पर खोल नहीं था। और शर्ट और बेल्ट के बीच में लटक रहा था।

एकं खेल में बिली विजयी हुआ। उत्साह में वह कुछ इंच आगे खिसक आया यानि बेल के और नजदीक साथ ही एक रहस्य भरी मुस्कराहट फिर उसके मुॅह पर चमकी जिस बेल ने नहीं देखा।

बेल ने पान का गुलाम निकाला, “यह मेरा लकी पत्ता है। चलो दिया सलाई की सींक निकालो।”

दस तीलियां निकालने बिली झुका और इस ढ़ग से कि गुलाम फिसल कर जमीन पर गिरा, “ सारी हथकडी के साथ खेलना कितना मुश्किल है।”

“कोई बात नहीं मै उठाता हूॅ। बेल हाथ से मेज पकड ताश उठाने के लिये झुका। बिली यह मौका हफ्तों से ढूंढ रहा था जैसे ही बेल झुका उसने मेज पर झुक कर उसने पिस्टल अपने कब्जे में की। बेल न ऊपर देखा तो वह अपनी ही बंदूक की गिरफ्त में था,

जैसे में कहता हूॅ वैसे जल्दी से करो बेल, “ बिली ने तीखी और कठोर आवाज में कहा। “ एक कदम दूसरा और तुम जान से हाथ धो बैठोगे, मैं तुम्हे मारना नहीं चाहता। तुमने मेरे साथ सदा अच्छा व्यवहार किया था। बाहर निकल जाओं मै तुम्हे हथियारों वाले कक्ष मे बंद करूंगा।”

बेल समझ नहीं पा रहा था क्या करे। हाल पार करते उसे मन ही मन क्रोध आ रहा था। आखिर वह धोखा कैसे खा गया। उसकी दया के कारण यह स्थिति आई गैरेट क्या सोचेंगें।

ऊपर का जीना आ गया था। हथियार बाला कक्ष कुछ ही पीछे था और बिली करीब छः फुट पीछे था। अगर भा कर जाना चढ जाये तो मोड़पर पहुॅचले पर किड कुछ नहीं कर पायेगा। तेजी से जीना चढ़ कर एक ही छलांग मे मोड़ पर पहुंच गया एम कदम और वह दीवाल के पीछे होगा लेकिन बिली की फुर्ती कम नहीं थी। वह तेजी से उछला अभी पांव जमीन को छू पाते की पिस्टल ने आग उगली गोली सीधे दिन के पास लगी और बेल सीढियों लुढक कर नीचे मृत गिर पडा़।

बेल की पिस्टल कमर में खोंस कर बिली हथियार कक्ष की ओर बढ़ा । उसे खोल आंलिंजर की बंदूक ली और पूर्वी खिड़की तक पहुंच गया। बंदूक के बैट को थपथपाया धीरे से खिडकी से बाहर झांका।

ऊपरी दूसरी मंजिल पर हुए धमाके ने आलिजरं को चौंका दिया। वह खाना शुरू ही करने वाला था। यह कैसी आवाज, लेकिन और कुछ नहीं सुनाई दिया कहीं बिली ने भागने की कोशिश की हो और बेल ने उसे मार दिया हो और इसका वह सिहर उठा। एक दम भागता सा उसने सड़क पर की।

वह पिछले दरवाजे की ओर बढा, अगर कुछ गढ़बड हुई तो यह ज्यादा ठीक रहेगा लेकिन एक भी आवाज नहीं तभी उसे सुनाई दिया हलों बॉब

आलिंजर पहचान गया बिली को बेहद शांत आवाज थी। कुछ आराम महसूस हुआ शायद उसक शक गलत था बिली अपनी खिडकी में हमेशा की तरह बैठा है । उसने ऊपर देखा । ठीक उसके ऊपर बिली था। वह आधा झुका था उसके हाथ मे आलिंजर की बंदूक उस पर निशाना बनी थी और चेहरे पर मुस्कराहट।

आंलिंजर जम कर रह गया। शायद मृत्युभय से या असहाय स्थिति से पिस्टर बगल में लटक रही थी और वह बिली को घूर रहा था बिली ने ट्रिगर दबाया और नौ गोलियां आलिंर की छाती मे घंस गई हाथ में पिस्टर लिये वह जमीन पर गिर पडा। दरवाजा खोल कर बिली कोर्टरूम से बाहर निकला पैरों में बेडियां पडी थी लेकिन हथकडियां अपने छोटे मुलायम हाथों से फिसला कर निकाल दी थी। रास्ते में आलिंजर का मृत शरीर पडा़ था, “मेरी छाती में गोली दागेगा” वह बुदबुदाया । क्रोध में उसने बंदूक उठायी फिर ह इलाका धमाकों से गंूज उठा नौ और गोलियां उसने आलिंजर के शरीर मे धंसा दी और जोर से बंदूक उसके शरीर पर दे मारी।

अभी उसे बचना था वहां के रहने बाले अवश्य उसे घेरने और मारने का उपाय कर रहें होंगें। हथियार कक्ष मे जाकर उसने दो पिस्टल और एक राइफल ली उन्हे भरा दो बंदूक की पेटियां जिनमे पिस्टल और राइफल की गोलियां लगाई पीछे की सीढीयों पर जाकर बेल के शरीर को लांघता आगे बढा। वृद्व गांस ने डर से अपने को रसोई मे ंबंद कर लियां। बिली ने दरवाजा खटखटाया तो कांपते हुए दरवाजा खोला।

“डरो नही गांस ” बिली बोला, ”जो बढिया मांस पकाकर खिलोयेगा उसे कुछ नही होगा, ये बेडियां तोडो तो।”

गांस ने लकडियांे पर पड़ी कुल्हाडी उठायी ध्यान से कहकर बिली ने पिस्टल गांस के सिर पर लगा दी। कुछ चोंटो में बडी टूट गई। बेडी की चेन ऊपर कर पेटियों से बांध ली अब वह चलने फिरने के लिये स्वतन्त्र था।

पीेछे घुड़साला और चरागाह था एक काना टट्टू गांस से मंगाया एक घंटे तक उसे पकड़ने की कोशिश करता रहा जब टट्टू थक गया तब उस पर काठी जमा दी ।

बिली गली की ओर बढ़ दिया करीब आधा दर्जन व्यक्ति अभी भी खडे तमाशा देख रहे थे और वह गुनगुनाता आगे बढ गया।


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