Tuesday, 16 July 2024

Bhajan 10

 ☺देवी जी 

महिमा तुम्हारी है निराली जगदम्बे मइया 

तेरे सहारे चलती है नइया तेरे सहारे जीते है मइया 

सबकी मिटा दो रात काली जग ....

धूप दीप नैवेध आरती ये ले लो पूजा की थाली 

कंचन थार कपूर की बाती ये लेलो आरती की थाली 

छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन ये ले लो भोजन की थाली 

कब से खड़ी हूँ मइया आस लगाये पूूजा हमारी खाली न जाय 

इच्छा कर देना भरपूरी जगदम्बे ..........

दुखियों के घर में सुख बरसादो अंधियारे घर में दीपक जला दो 

तुमसे ही घर घर में दीवाली जगदम्बे 


☺द्वारे तुम्हारे बड़ी भीड़ जगदम्बे मइया 

द्वारे तुम्हारे एक अबला पुकारे 

अन्धे को नैना दे देना जगदम्बे भइया 

द्वारे तुम्हारे एक कोढ़ी पुकारे 

कोढ़ी को काया दे देना जगदम्बे मइया 

वाझिन .......................बालक 

कन्या ..........................घर वर 

बालक .....................बुद्वि

भक्त .............................दरशन दे देना जगदम्बे मइया 

माता मोहे राज बता दो 

सरस्वती शीश को आज्ञा दो मात मैं शीश नवाऊँगी 

सरस्वती नेनाैं को आज्ञा दो मात मैं दरश करूँगी 

सरस्वती कानन को आज्ञा दो मात मैं कथा सुनूॅंगी

सरस्वती देह को आज्ञा दो मात में गंगा नहाऊँगी 

सरस्वती हाथन को आज्ञा दो मात में दान करूॅंगी

सरस्वती पावों को आज्ञा दो मात परिकम्मा करूँगी 

सरस्वती में सुमरू बारम्बार मात मोहे ज्ञान सिखा दो 


 


☺संतोषी माँ संतोषी माँ मैं कब से तुम्हें पुकार रही

तेरे द्वार खड़ी एक दुखियारी आशा से तुम्हें निहार रही 

मेरे हाथ नहीं है गंगाजल जो तुम्हें नहलाने आ जाती 

आँखों के अश्रु से मइया में तुम्हें नहलाने आई हूँ

मेरे हाथ नहीं है फूलांे के हार जो तुम्हें पहनाने आ जाती 

लेके फूलों को माता में तुम्हें चढ़ाने आई हूँ 

मेरे पास नही मेवा मिश्री जो भोग लगाने आ जाती 

मेरे पास धूप और बाती नही जो आरती करने आ जाती 

ह्नदय के भावों को मइया मै तुम्हें दिखाने आई हूँ

माँगू माँगू तो क्या माँगू मेरे पास है सब कुछ क्या माँगू 

माँगू तो फिर में यह माँगू मेरी बिगड़ी बात बना देना 


☺ तेरो मुख चन्द्र चकोर मेरी माता 

देवि के द्वारे एक कोढ़ी पुकारे 

उसका दुख दूर करो मेरी माता 

तेरो ..................

माता के द्वारे एक बाझन पुकारे 

उसको लालन दे ओ मेरी माता 

तेरा ................

माता के द्वारे एक दुखी पुकारे 

उसका दुख दूर करो मेरी माता 

                        दासी की विनती सुन मेरी माता

चरणा कमल में मेरो मन राता 

तेरो ..............................

मइया बैठी है सिंहासन माला खड़ा लिये माली 

सिर मइया के मुकुट विराजे माथे बिंदिया भारी 

नाक मइया के नथुनी सोहे होठों पर सोहे लाली

कान मइया के कुण्डल सोहे गले में हरवा भारी 

हाथ मइया के कंगन सोहे गोटा जरद किनारी 

पैर मइया के पायल सोहे महावर की लाली 

मइया ..................

हाथ में मइया के खप्पर सोहे एक हाथ भुजाली 

सिंह पर मइया गरजत आवे लंागुर करे अगवानाी 

मइया ............................................


☺बधाई बाजे मइया तोरे भवन में 

सिर पर मुकुट माथे पे बिंदिया 

कजरा सोहे मइया तोरे नयन में 

बधाई .................

मुँह में पान हाथ में मेंहदी 

जड़े हीरा मइया तोरे कंगन में 

बधाई .............................

गोटा जरी लागे तोरे लहँगा में 

सितारे लागे मइया तोरे चुनर में बधाई 

पाव महावर विछवा सोहे 

पायल बाजे मइया तोरे चरन में बधाई 

हंसि पूछे श्री भगवान शारदा के बहिनी 

एक बहिनी कलकत्ता विराजे

जिसका कालका नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी बम्बई में विराजे 

जिसका मुम्वा नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी कानपुर में विराजे

जिसका तपेश्वरी नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी वख्शी ताल विराजे

जिसका चंद्रिका नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी लखनऊ में विराजे

जिसका शीतला नाम शारदा के बहिनी 

एक बहिनी नीम सार विराजे 

जिनका लालता नाम शारदा के वहिनी 


☺मंाग्यो वरदान देवी के मन्दिरवा भीतर 

माग्यो मैं अन्न धन सोनवा 

बरसे अनुराग देवी के मन्दिरवा भीतर 

माग्यो मैं चटक चुनरिया 

लागे नही दाग देवी के मन्दिरवा भीतर 

मंाग्यो मैं भर हाथ चुड़ियां 

                        मोरे अमर सुहाग देवी के मन्दिरवा भीतर

भाग्यो मै पति की उमरिया दमके मोरी माँग 

देवी के ..............................................

भाग्यो मे एक दुई लरिका कन्या अकेली देवी के 

अम्बे कहा जाय जगदम्बे कहा जाय

बोल अम्बे रानी तुझे क्या कहा जाय 

मैने सोने का वेंदा बनवाया उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों का हॉं तुम्हें फूलों का बेंदा पसद आया 

अम्बे ..................................

मैने सोने के कुन्डल बनवाये उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हें फूलों के कुण्डल पसन्द आये 

अम्बे ...........................

मैने सोने का हार बनवाया उसमें हीरे और मोती जड़वाया 

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हे फूलों के हार पसन्द आये 

अम्बे ......................................

मैने सोने की तगड़ी बनवाई उसमें हीरे ओर मोती जड़वाये 

तुम्हें फूलों की हाँ तुम्हें फूलों की तगड़ी पसन्द आई 

अम्बे .........................

मैने सोने के विछुये बनवाये उसमें हीरे और मोती जड़वाये

तुम्हें फूलों के हाँ तुम्हें फूलों के बिछुये पसन्द आये 

अम्बे .....................................

मैने गोटे की चुदरी बनवाई उसमें मोती की झालर लगवाई 

तुम्हें लाल चुदरिया पसन्द लाल चुदरिया पसन्द आई ।


आजाओ मेरी संतोषी माँ सिहासन तेरा खाली है 

मइया एक अरज मेरी सुन लेना 

मेरा माथे का संेदुर अमर करना 

वह हँस कर बोली बेटी पूरी तेरी आशा आजाओ

बिन्दीनथुनी चूड़ी मेंहदी बिछुये चुन्दरी 


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