Wednesday, 23 July 2025

Bhajan

 55काले नाग के नथैया 

कहत जसोमत सुन मेरी मैया तुमको कंस मरैया 

कहत कृणा जी सुनो मोरी मैया हमको कोन मरय्या 

खेलन गैदं गिरी यमुना में कूद पड़े रघुरय्या 

नाग भी सोवे नागिन विनिया डुलावे फन पे नाचे कन्हेया 

नाग नाथ जब वाहर आये जसुमत लेत बलैया 



56ऐ श्याम सलोना लिये दोना माँगे दान दही का 

कहाँ की हो तुम सुघड़ ग्वालिनी कहाँ तुम्हे है जाना 

बरसाने की सुघड़ ग्वालिनी गोकुल हमें है जाना

जो कान्हा तुम्हें दहिया का शौक है तोड़ लाओ पाता

बना ले ओ दोना माँगे दान दही का 

चार कोने का बना है दोना खाली हो गई मटकी भरा नहीं दोना 

वृन्दावन की कुंज गलिन में पकड़ लियो साड़ी का कोना 

जो बात कान्हा तेरे मन में बसत है वही बात नहीं होना 

चन्द्र सखी भज वाल श्याम छवि मन में बसे मन मोहना


57मगंल क्यों नही गाये जसोदा रानी मगंल क्यों नही गाये

तीन लोकत्रिभुवन के स्वामी सोटेरी धेनु चराये

तीन लोकत्रिभुवन के स्वामी जिनको गोद खिलाये

चन्द्र सखी मन वाल कृपा होव हरि उर कंठ लगाये


58मोरी नइया को पार लगादो माधोजी माधोजी

झोल खाती है जीवन की नइया

प्रभु आकर के बन जाओ खिवैया

मोरी नइया को पार लगादो माधो जी माधोजी

मुझे घेरा है दष्ुटों ने आकर

कोई साथी नही है यहाँ पर 

मेरा दुष्टांे से पीछा छुड़ा दो माधो जी माधो जी

मेरी आखों में छाई अधियारी 

मुझे सूझे न सूरत तुम्हारी 

मेरा दुष्टों से पीछा छुड़ा दो माधो जी माधो जी


59मन मतवाला जपूँ कैसे माला

नैन कहे हम दरशन कोरवे मनवा कहे तुम सोओ दिन सारा 

जिम्या कहे हम हर गुन गइवे मनवा कहे हम खइवे मसाला

हाथ कहे कुछ दान पुन्न करवे मनवा कहे पड़ जइहे अकाला

पैर कहे तीरथयात्रा करवे मनवा कहे पड़ जइहें छाला

न्हाय धोय आसन पर बैठी भ्रम जाल में हाल वे हाला 

इस मन केदस दरवाजे ज्ञान कुठरिया में पड़ गया ताला

जब दश्सवां दरवाजा जनहो मिलते तुरन्त ही नदलाला 

सत गुरू शब्द में मन को लगाकर क्यों नपिये तू अमृत प्याला

तुलसी सोच समझ मेरे भाई क्षमा मे ही बोले गोपाला जय 


60हनुमान जी महा प्रभो नमो नमो 

अजिन के पुत्र महा वलशाली राम दूत नरसिंह भयो प्रभु नमो नमो

जलघि लाँघ मुद्रिका दीन्ही जनक सुता को ताप हरो प्रभु नमो नमो 

लकां जारि मारि असुरन को रघुपत को यश प्रगट भयो प्रभु नमो नमो 

मान हरयो लंकेश वली को असुरन को मत भंग कियो प्रभु नमो नमो 

लाय रत्न चूणामणि दीन्ही जनक सुता को ताप हरो प्रभु नमो नमो 

मेघनाथ माया अति दारूणा लाय संजीवन ध्वंस कियो प्रभु नमो नमो ☺


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