राम
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान् श्री राम का जन्म हुआ था ।गोस्वामी तुलसीदास ने अपने अमरकाव्य रामचरित मानस की रचना भी इसी दिन अयोध्या में आरम्भ की। श्री राम का जन्म मघ्यान्ह काल में हुआ थस इसकारण दोपहर में राम महोत्सव मनाया जाता है । भगवान् श्री राम सदाचार के प्रतीक हैं उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है । भगवान् को उनके सुख समृद्धि पूर्ण व सदाचार युक्त शासन के लिये याद किया जाता हे। उन्हें भगवान् विष्णु का अवतार माना जाता है ।भगवान् श्री राम जीव मात्र के कल्याण के लिये अवतरित हुए थे । हिन्दू धर्म के कई त्यौहार जैसे राम नवमी दशहरा ,दीपावली राम जीवन कथा से तुड़े हैं । श्री राम आदर्श पुत्र,आदर्श भाई,आदर्शमित्र आदर्श स्वामी आदर्श पति आदर्श सेवक माने जाते हैं -
राम एक पुरुषोत्तम हैं राम की महिमा बहुत बड़ी,
लेकिन उनकी महिमा में भी मुश्किल कैसी आन खड़ी
नहीं पूर्ण संपूर्ण कोई यहीं बने इंसान हैं
दिख जाते हैं दोष अनेकों कैसे कहें भगवान् हैं
बाली को धोखे से मारा वह भी मां का जाई था
रावण के वध का कारण भी उसका अपना भाई था
केवल कहने भर से राजा न्याय कभी कर पायेगा
हर युग में कुलटा कहलाकर सीता को ठुकरायेगा
धोखे से गर्भित सीता को मरने जंगल छोड़ दिया
साथ निभाने का जीवन में राम वचन क्यों तोड़ दिया
राम नाम है कष्ट निवारन राम नाम दुःख हर्ता है
उसने कष्ट उठाये क्यों कर राम ही जिसका भर्ता है
चारो ओर तुम्हारी जय जय किसने कितने त्राण दिये।
जीवन लेना पाप है फिर भी सरयू में जा प्राण दिये ।
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